हजीरा से चार शहर का नाका सड़क का काम रूका 14 महीने पहले पूरा हो जाना था कार्यपूर्ण

nagar nigam

हजीरा से चार शहर का नाका सड़क का काम रूका 14 महीने पहले पूरा हो जाना था कार्यपूर्ण

ग्वालियर।  भले ही उपचुनाव से पहले ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों के विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी हो, लेकिन 2018 से हजीरा से चार शहर का नाका तक बनने वाली सीमेन्ट कांक्रीट रोड़ दो साल में नहीं बन पाई है। हालात यह है कि खुदे पड़ी सड़क से परेशान लोगों को बरसात के पहले निर्माण कार्य पूरे होने को लेकर क्षेत्रीय लोगों में शंका है। निगम द्वारा हजीरा चौराहे से चार शहर के नाके तक जाने वाले मार्ग के सीसी कार्य हेतु लगभग 1.47 करोड़ से नाले व मार्ग निर्माण के लिए 17 सिंतबर 2018 में उज्जवल श्रीवास्तव की फर्म बिल्टेक इन्फ्राकॉन दतिया को 6 माह का समय सीमा में कार्य करने के लिए आर्डर जारी कर दिए गए थे और सिंतबर 2018 में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही ठेकेदार ने कार्य भी शुरू कर दिया। क्योंकि उसे 17 मार्च 2019 तक कार्य पूरा करने की लिमिट थी, लेकिन आचार संहिता लगते ही ठेकेदार ने काम नहीं किया और मौके पर सड़क बनाने के लिए जमीन न मिलने जैसी परेशानी बताई। जिसके बाद 2019 में ठेकेदार को निगम द्वारा फील्ड क्लीयर करवा कर दी गई। परन्तु ठेकेदार की धीमी रफ्तार के चलते लॉकडाउन से पहले मात्र 200 मीटर हिस्से का ही निर्माण कर पाया और लॉकडाउन और अनलॉक में रेत गिट्टी जैसी निर्माण साम्रगी न मिलने का हवाला देकर मौके पर काम रोका हुआ है।

बरसात को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों में चिंता

वर्तमान में चार शहर के नाके से सुभाष नगर तक एक फुट हाईट की सड़क निर्माण हो चुकी है और सड़क की हाईट के चलते स्थानीय निवासी अपने घरों तक जाने लिए वाहन लेकर नहीं निकल पा रहे है। मजबूरी में उन्हें घर जाने के लिए मरघट मार्ग से घूमकर जाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों में बरसात से पहले सड़क निर्माण पूरा होने पर आशंका है। लॉकडाउन के चलते काम रोका था, लेकिन अब रेत-गिट्टी जैसे निर्माण मटेरियल नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ठेकेदार काम शुरू नहीं कर पा रहा है।

दो बार हो चुका है सड़क का भूमि पूजन 
सड़क निर्माण के लिए 2018 में तत्कालीन मेयर विवेक शेजवलकर व 4 फरवरी 2019 में पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सड़क का भूमिपूजन किया था। साथ ही सड़क  निर्माण कार्य को लेकर बयाानों की जमकर राजनीति भी हुई थी, लेकिन 6 माह में बनने वाली सड़क आज तक नहीं बन पाई है।