काम तो करना है, चाहे किताब का हो या चादर बेचने का

हम दोंनों भाई पहले किताबें बेचते थे। उसका काम अच्छा चलता था, मगर कॉलेज-स्कूल बंद होने के चलते इन दिनों काम पूरी तरह से ठप हो गया। लॉकडाउन में घर चलाना भी दुश्वार हो गया था। अब इसलिए हम दोनों ने चादर बेचने का यह नया काम शुरू किया है। इससे थोड़ी बहुत बचत हो जाती है और दोनों का काम चल जाता है। यह कहना है मोहम्मद साबिर और मोहम्मद फिरोज का, जिन्होंने इन दिनों अपना किताबों का बिजनेस बंद कर चादर बेचने का काम शुरू किया है। साबिर ने बताया कि यह नया काम उन्होंने करीब 8 दिन से शुरू किया है। अब पहले की तुलना में थोड़ी बहुत बचत हो जाती है। जब सब ठी हो जाएगा, तो फिर से हम अपना काम शुरू करेंगे।