सिर्फ यादों में सिमट जाएगा मोती महल अन्यत्र शिफ्ट होंगे 40 सरकारी दफ्तर

सिर्फ यादों में सिमट जाएगा मोती महल अन्यत्र शिफ्ट होंगे 40 सरकारी दफ्तर

ग्वालियर।गोरखी और केआरजी के बाद सिंधिया राजवंश का तीसरा राजू प्रसाद मोती महल आजादी के बाद से कवि मध्य भारत प्रांत की राजधानी के रूप में रहा तो बाद के वर्षों में ग्वालियर चंबल संभाग की सरकारी गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र बन गया था। प्रदेश स्तरीय 4 दफ्तरों के कारण ग्वालियर के मोती महल को मध्य प्रदेश की नई राजधानी भी कहा जाने लगा था। लेकिन अब यह सब बातें इतिहास होने वाली है । सभी बड़े विभाग शिफ्ट होने की तैयारी में है संयुक्त राजस्व भवन का निर्माण कार्य पूरा होने पर यहां के अधिकांश दफ्तर उसी भवन में शिफ्ट हो जाएंगे। यहां पर्यटन विकास निगम होटल मैरिज गार्डन क्लब मीटिंग हॉल मनोरंजन पार्क जैसी चीजें विकसित करेगा। अभी तक मोती महल में भू अभिलेख रेवेन्यू बोर्ड आबकारी परिवहन, संभाग आयुक्त, कार्यालय, ईओडब्ल्यू जैसे बड़े विभाग संचालित होते रहे हैं। हर दिन मोती महल परिसर में हजारों कर्मचारियों की अनुगूंज सुनाई देती है तो सैकड़ों लोग अपने कामकाज निपटाने के लिए मोती महल पहुंचते हैं लेकिन अब यह सब जल्द ही इतिहास के पन्नो में सिमट जाएगा। कोरोना के कारण हुई देरी कोरोना संक्रमण के चलते मोती महल खाली होने में देरी हुई है प्रशासनिक सूत्रों का कहना है मार्च 2020 तक इसे खाली होना था अब 2021 तक सभी 40 सरकारी दफ्तर शिफ्ट करा दिए जाएंगे। पर्यटन विकास निगम करेगा काम प्रदेश सरकार की मंशा के हिसाब से अभी तक पर्यटन विकास निगम को मोती महल में काम करना है वह होटल कारोबार कैफे हाउस कैफेटेरिया मैरिज गार्डन , मनोरंजन पार्क आदि विकसित कराए जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार मोती महल को खाली कराने के लिए पहले ही निर्णय ले चुकी है मार्च 2020 तक यह हमें खाली करना था लेकिन कोरोना के चलते देरी हुई है संयुक्त राजस्व भवन तैयार होते ही मोती महल से सरकारी दफ्तरों के शिफ्ट होने की कार्रवाई शुरू करा दी जाएगी। एमबी ओझा, संभाग आयुक्त ग्वालियर