प्रोटीन पाउडर में डाले जा रहे 130 खतरनाक केमिकल

प्रोटीन पाउडर में डाले जा रहे 130 खतरनाक केमिकल

वाशिंगटन। भारत समेत दुनियाभर में महिला और पुरुष अपनी बॉडी को बेहतर बनाने के लिए जिम में पसीना बहाते हैं। वहीं जिम के दौरान वह बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट का प्रयोग भी धड़ल्ले से कर रहे हैं। इन्हें ही प्रोटीन पाउडर भी कहा जाता है। हालांकि इन प्रोटीन पाउडर में खतरनाक केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि प्रोटीन पाउडर लेने के फायदे होते हैं, तो कुछ साइड इफेक्ट भी। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा की गई एक स्टडी में 134 प्रोटीन पाउडर में 130 तरह के खतरनाक केमिकल पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में क्लीन लेबल प्रोजेक्ट नामक एक नॉन-प्रोफिट ग्रुप ने प्रोटीन पाउडर में विषैले पदार्थ के बारे में रिपोर्ट जारी की थी। रिसर्चर्स ने 134 प्रोटीन पाउडर प्रोडक्ट की जांच की थी और उन प्रोडक्ट्स में 130 प्रकार के विषैले पदार्थ थे। ये केमिकल मिलाए जा रहे रिपोर्ट के मुताबिक कई प्रोटीन पाउडर में भारी मात्रा में धातु (सीसा, आर्सेनिक, कैडमियम और पारा), बिस्फेनॉल-ए (बीपीए, प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है), कीटनाशक और अन्य खतरनाक केमिकल होते हैं। इन केमिकल्स से कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रोटीन पाउडर में कुछ विषैले पदार्थ काफी मात्रा में मौजूद थे। उदाहरण के लिए एक प्रोटीन पाउडर में बीपीए की सीमा बताई गई सीमा से 25 गुना अधिक थी।

वजन बढ़ाने के साथ शुगर भी बढ़ने की संभावना

हार्वर्ड से एफिलेटेड ब्रिघम और वुमन हॉस्पिटल में न्यूट्रिशनिस्ट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कैथी मैकमैनस के मुताबिक, अगर कोई प्रोटीन पाउडर का उपयोग करता है तो उसे कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ प्रोटीन पाउडर में बहुत कम चीनी होती है और अन्य में बहुत अधिक। यह एक्स्ट्रा चीनी कई तरीके से शरीर को प्रभावित कर सकती है। इन प्रोटीन पाउडर्स में अधिक कैलोरी होने से वजन बढ़ने लगता है और ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है।

प्रोटीन पाउडर क्या होता है

प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट, पाउडर के रूप में होता है। प्रोटीन पाउडर कई रूप में आता है। जैसे कैसीन, व्हे प्रोटीन आदि। प्रोटीन पाउडर में चीनी, आर्टिफिशिअल स्वीटनर, विटामिन, मिनरल मिलाए जाते हैं। मार्केट में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर की एक स्कूप में 10 से 30 ग्राम तक प्रोटीन हो सकता है।

अंडा, नट्स आदि का करें सेवन

हमेशा केमिकल फ्री प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए, लेकिन डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के बिना कोई भी सप्लीमेंट यूज न करें। मैं सलाह दूंगा कि प्रोटीन सप्लीमेंट की अपेक्षा प्रोटीन वाले फूड अंडा, नट्स, मीट, दही, दाल, बीन्स, मछली, पनीर आदि का सेवन करें। - कैथी मैकमैनस, न्यूट्रिशनिस्ट, हार्वर्ड स्कूल

मोटी महिलाओं को फ्रैक्चर का खतरा

मोटापाग्रस्त व ज्यादा वजनी महिलाओं में हड्डी टूटने का खतरा अधिक होता है, जबकि पुरुषों में यह जोखिम ओवरवेट के कारण नहीं, बल्कि अंडरवेट (सामान्य से कम वजन) के कारण बढ़ता है। यह दावा नीदरलैंड्स में आयोजित यूरोपीयन कांग्रेस आन ओबीसिटी (ईसीओ) के शोध पत्र में किया गया। शोधकर्ताओं ने 20 हजार लोगों पर शोध किया था।

यह निकला परिणाम

अध्ययन की मध्यावधि 5.8 वर्ष तक के फॉलोअप में पाया गया कि 497 महिलाओं और 323 पुरुषों को फ्रैक्चर हुआ।

महिलाओं में कमर की मोटाई का फ्रैक्चर से सीधा संबंध देखा गया।

प्रति 5 सेमी (करीब दो इंच) कमर की मोटाई बढ़ने से शरीर के किसी भी अंग में फ्रैक्चर का जोखिम 3% बढ़ गया।

घुटने के नीचे वाले हिस्से में यह जोखिम 7% ज्यादा था।