ऑफिस के काम की पद्धति बदलने पर शुरू होती है गड़बड़
प्रतिभा आर्ट कल्चर एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा एलबीटी में आयोजित सर्जना रंग महोत्सव में रंग विदूषक संस्था द्वारा नाटक यस सर की प्रस्तुति दी गई। इस नाटक को अजय नरवरिया ने लिखा है, वहीं इसका निर्देशन राम सिंह पटेल ने किया। नाटक का मुख्य पात्र तिवारी है, जो कि एक सरकारी ऑफिस में चपरासी है। वहीं नरोत्तम आरक्षण के कोटे से उसी ऑफिस में अधिकारी बनकर आता है। वह सालों से चली आ रही सरकारी काम की पद्धति को तोड़कर बेहतर और सुचारू ढंग से काम करने के प्रयास में जुट जाता है, जिससे सारी गड़बड़ शुरू होती है। तिवारी को नरोत्तम का उसे आदेश देना पसंद नहीं आता, जिससे वो कोटे का हवाला देकर नरोत्तम की बुराई करता रहता है। एक दिन नरोत्तम, तिवारी को प्रमोशन लेटर देकर चपरासी से बाबू बना देता है। प्रमोशन के साथ ही नरोत्तम के प्रति तिवारी का हृदय परिवर्तन हो जाता है और नजरिया बदल जाता है।
नाटक में दिखाई लोगों की मानसिकता
इस हास्य नाटक के माध्यम से समाज के वर्ग, जाति, धर्म ओहदे से ऊपर मानवीय संबंधों और भावनाओं का चित्रण किया गया। नाटक में एक फाइल ऑब्जेक्ट कैरेक्टर के रूप में काम करती है, वो एक टेबल से दूसरी, दूसरी से तीसरी टेबल घूमती रहती है। नाटक के सभी कैरेक्टर की टेबल भी उनके काम के हिसाब से ही तैयार की गई। वहीं नाटक के जरिए लोगों की मानसिकता को दिखाया गया। - अभिलाषा गुप्ता, दर्शक