US के 16 राज्यों में होगा एक लाख करोड़ से ज्यादा कीड़ों का हमला

US के 16 राज्यों में होगा एक लाख करोड़ से ज्यादा कीड़ों का हमला

वॉशिंगटन। इस महीने के अंत में यानी अप्रैल के अंत तक अमेरिका के 16 राज्यों पर कीड़ों का हमला होने वाला है। इन्हें सिकाडा कहते हैं। वैज्ञानिक इस बात से परेशान हैं कि इनकी संख्या एक लाख करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। इससे भारी संख्या में फसलों को नुकसान हो सकता है। यातायात बाधित हो सकता है। ये सिकाडा दो अलग-अलग समूह से हैं। एक समूह का नाम ब्रूड 19 है, जिसे ग्रेट साउदर्न ब्रूड भी कहते हैं। दूसरा है ब्रूड 13, जिसे नॉर्दन इलिनॉय ब्रूड भी कहते हैं।

हैरानी और घबराने वाली बात ये है कि इस बार ये दोनों ब्रूड एकसाथ बाहर आ रहे हैं। ब्रूड मतलब अंडे या बच्चे। अगले कुछ ही दिनों में इन अंडों से कीड़े निकल कर खुले में आएंगे। कीड़ों के इन समूहों के आने का एक साइकिल है। यानी ये तय समय के बाद आ रहे हैं। लेकिन 221 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब दो समूह के सिकाडा एकसाथ अमेरिका में घुसपैठ करने जा रहे हैं।

नॉर्दन इलिनॉय ब्रूड 17 साल में एक बार हमला करता है। जबकि ग्रेट साउदर्न ब्रूड 13 साल में। ये जंगलों, खेत-खलिहानों, हरे-भरे जगहों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये एक लाख करोड़ कीड़े अमेरिका के 2.54 करोड़ किमी क्षेत्रफल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस पूरे इलाके में ये कीड़े हर एक इंच में मौजूद रहने वाले हैं। ये इतनी दूरी है कि सिकाडा चांद पर 33 बार आ जा सकते हैं। अप्रैल के अंत में ये सिकाडा जमीन से बाहर निकलेंगे।

ये राज्य होंगे प्रभावित, बीमारी का खतरा नहीं

इन कीड़ों के हमले से लुईसियाना, दक्षिणी अरकंसास, अलाबामा, मिसिसिप्पी, उत्तरी जॉर्जिया, साउथ कैरोलिना, टेनेसी, मिसौरी, इलिनॉय, केंटकी, इंडियाना, विसकॉन्सिन और आयोवा सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। ये हमला अप्रैल के अंत से लेकर अगले छह हफ्तों तक चलता रहेगा। क्योंकि ये करीब एक महीना जिंदा रहते हैं। ये कीड़े न तो इंसानों को काटते हैं। न नोंचते हैं। न ही डंक मारते हैं। ये अपने साथ किसी तरह की बीमारी भी लेकर नहीं चलते कि इंसान संक्रमित हो जाए। लेकिन ये शोर बहुत मचाते हैं। न तो ये ढंग से उड़ पाते हैं। न ही ढंग से लैंड कर पाते हैं। ये लोगों के घरों, कारों जहां भी जगह मिलती है, वहां पर गिरते हैं, टकराते हैं और चिपचिपा पदार्थ छोड़ देते हैं। इससे साफ-सफाई का काम बढ़ जाता है।