प्रदेश में शिक्षा का बजट 7 हजार करोड़ घटा, गुणवत्ता पर पड़ेगा असर

प्रदेश में शिक्षा का बजट 7 हजार करोड़ घटा, गुणवत्ता पर पड़ेगा असर

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षा के बजट में 27 फीसदी कटौती कर दी है। इसके कारण शिक्षा के स्तर में जहां कमी आने की संभावना है, वहीं करीब 40 हजार शिक्षकों की भर्ती, स्कूल भवनों का निर्माण, शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम और प्रत्येक विकासखंड पर स्थापित किए जाने वाले मॉडल स्कूलों सहित कई काम प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड के कारण ये कटौती हो सकती है, लेकिन इससे शिक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है।

इन कार्यों पर पडेगा प्रभाव

* शासकीय शाला भवनों के निर्माण और उनका विस्तार।

* भोपाल में आधुनिक तकनीक से सुसज्जित राज्य स्तरीय पुस्तकालय का निर्माण।

* शिक्षकों के खाली पडे 40 हजार पदों को भरने की प्रक्रिया।

* शिक्षा को गुणवत्ता और रोजगार मूलक बनाने के प्रयास।

एक्सपर्ट व्यू

जिन मदों में शैक्षणिक कार्यों को प्रभावित करती है। उनमें कटौती की गई है, तो शिक्षा के स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। केंद्र की शिक्षा नीति 36 साल पहले बनी थी लेकिन राज्यों की नीति अभी तक नहीं बनी है। जबकि केंद्र में बहुत पहले इंडियन एजुकेशन सेवा बनाने का सुझाव दिया था। इसे आईएएस अफसरों ने लागू नहीं होने दिया। यदि यह लागू होता तो शिक्षा के स्तर में काफी सुधार होता। प्रदेश में शिक्षा के लिए तय किया गया बजट 6 प्रतिशत से कम है जिसे बढ़ाया जाना चाहिए।

7 सूत्रीय कार्यक्रम से हुआ सुधार

हमने 7 सूत्रीय कार्यक्रम के जरिए रीवा संभाग में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया, जिसके कारण आज रीवा संभाग का परीक्षा परिणाम बेहतर आया है। मेरे समय में प्रयोगशालाओं में सुधार, प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों द्वारा लेशन प्लान बनाकर उसके अनुरूप विद्यार्थियों को शिक्षा दी गई, जिसके कारण परीक्षा परिणाम में 4 प्रतिशत वृद्धि हुई।