सीबीआई को 570 नर्सिंग कॉलेजों की जांच तीन महीने में पूरी करना होगी
ग्वालियर। न्यायमूर्ति रोहित आर्या और न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमारसिंह ने नर्सिंग कॉलेजों के मामले में सुनवाई की। हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश की गई कॉलेजों की संबद्धता, मान्यता मामले की स्टेटस रिपोर्ट खोली। सीबीआई की ओर से बताया कि प्रदेश में 700 कॉलेज हैं, जिनमें से 130 की जांच हो चुकी है, 575 कॉलेजों की जांच होना बाकी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने के अंदर जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। कॉलेजों की जांच कैसे करना है, इसे लेकर हाईकोर्ट ने दिशा सीबीआई को बताई है। मामले की सुनवाई जून में होगी।
इन बिंदुओं की करना होगी जांच कॉलेजों का संचालन कैसे होता है। इनके पास खुद के भवन हैं या नहीं। मान्यता व संबद्धता की गाइड लाइन का पालन कर रही है, कि एक कमरे में चल रहे हैं। हर नर्सिग कॉलेज का सत्यापन किया जाए। कॉलेजों की स्थापना कब हुई। मान्यता व संबद्धता की भी जांच की जाए। प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित कराई गईं या नहीं। कॉलेजों के पास स्टाफ है या नहीं। कितने शिक्षक हैं। कितने विद्यार्थियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया और उन्होंने कॉलेज में पढ़ाई की या नहीं। प्रेक्टिकल किए या नहीं। इंडियन नर्सिंग कौंसिल की मान्यता देने में क्या भूमिका रही। किस आधार पर उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किया गया। कौंसिल से कॉलेज संचालन की इजाजत कैसे मिली। मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी व मध्य प्रदेश नर्सिंग कौंसिल मान्यता व संबद्धता में क्या भूमिका रही। जिस रिकार्ड की जांच करें, उसे जब्त कर सुरक्षित किया जाए। कॉलेज में जितने भी विद्यार्थी भर्ती हुए, उनके भी रिकार्ड की जांच की जाए। मेडिकल यूनिवर्सिटी व नर्सिंग कौंसिल में जमा रिकार्ड की जांच की जाए।
संबद्धता, मान्यता में 2010 से गड़बड़ियां हैं
सीबीआई की ओर से बताया गया कि कॉलेजों को संबद्धता व मान्यता देने में जो गड़बÞड़ियां की जा रही हैं, वह 2010 से जारी हैं, लेकिन संबद्धता व मान्यता का रिकार्ड पांच साल पुराना मिल पा रहा है। मान्यता देने के लिए कॉलेजों के निरीक्षण किए गए थे और एकएक टीम ने 100 कॉलेजों के निरीक्षण कर मान्यता व संबद्धता की अनुशंसा की है। सीबीआई ने यह भी बताया कि कॉलेजों की जांच के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं।