सराफा बाजार में हुआ होलिका दहन, आज होगी रंगों की बारिश

सराफा बाजार में हुआ होलिका दहन, आज होगी रंगों की बारिश

ग्वालियर। शहर की सबसे बड़ी होली सराफा बाजार में जलाई गई। 20 हजार कंडे (गोकाष्ठ) से तैयार की गई होली की शाम से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। भक्तगणों ने परिक्रमा लगाई फिर उसका दहन किया गया। इसी तरह महलगांव करौली माता मंदिर और मोटे गणेश मंदिर सहित अन्य जगह भी होलिका का दहन किया गया। शहरभर में कॉलोनी, मल्टियों सहित 500 से अधिक स्थानों पर होली जलाई गई है। गत रोज भी अचलेश्वर मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, गिर्राज मंदिर पर होली जलाई गई थी। होलिका दहन के साथ ही रंग-गुलाल उड़ने लगा, होलिका दहन के साथ ही एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं भी दीं । बुधवार को रंगों की बारिश होगी और मस्ती में एक दूसरे को रंगों से सराबोर करेंगे।

करौली माता मंदिर महलगांव में होलिका दहन के साथ ही फाग का गायन किया गया। स्थानीय कलाकारों ने अपने अंदाज में फाग गाया और होली के उत्सव को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इसी तरह फूलबाग रोड पर एसोसिएशन ऑफ ग्वालियर यूथ सोसायटी एवं संरचना समिति द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवियों ने हास्य की फुलझड़ियां और व्यंग्य के नुकीले और सुरीले वाण छोड़े। कवि सम्मेलन के आयोजक संजय कट्ठल और अवध धाकरे ने बताया कि काव्यपाठ के लिए कई नामचीन कवि आए थे।

कुशवाह परिवार ने 70 साल पहले शुरू की थी सराफा में होली जलाना

सराफा बाजार में भले ही मंगलवार को शहर की सबसे बड़ी होली जलाई गई हो लेकिन सराफा बाजार में सबसे पहले 70 वर्ष पूर्व टीपू कुशवाह के परिवार ने जलाई थी। राणे खां की गोठ सराफा में रहने वाले टीपू ने छोटे स्वरूप में होली जलाने का सिलसिला शुरू किया था जो आज विस्तारित होता गया। पहलवानी करने वाले टीपू को लोग टीपू उस्ताद के नाम से जानते थे। इनका परिवार अब यहां नहीं रहता है, पुश्तैनी मकान जरूर है।

रंगों में नहाएंगे शहरवासी

बुधवार को धुलेंडी पर्व के मौके पर शहरवासी एक-दूसरे के ऊपर रंग लगाकर उन्हें सराबोर करेंगे। अबीर और गुलाल भी उड़ेगा। भांग और ठंडाई भी खूब छनेगी। 11 मार्च को रंगपंचमी पर भी गुलाल उड़ाया जाएगा।

होली मिलन की होगी शुरुआत

चूंकि विधानसभा चुनाव आठ माह बाद होना हंै इसलिए अपने कार्यकर्ताओं के बीच पैठ मजबूत करने के लिए राजनेता, सामाजिक संगठनों के द्वारा रंगपंचमी से होली मिलन समारोह भी आयोजित किए जाएंगे।

होली पर बाजार रहा गुलजार, उमड़ी भीड़

होली के त्योहार को लेकर मंगलवार को बाजार में ग्राहकी अच्छी खासी देखने को मिली। विभिन्न बाजारों में लगी पिचकारियों से लेकर खानपान तक की दुकानों से लेकर किराना बाजार में लोग अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी करने पहुंचे, जिसकी वजह से रात तक दुकानों में लोगों की भीड़ नजर आए। मार्केट में जहां बच्चे अपनी पसंद की पिचकारियों से लेकर रंग व गुलाल खरीद रहे थे तो वहीं दूसरी ओर होली पर अपनों का सत्कार करने के लिए मिठाई व नमकीन जैसे कई व्यंजन खरीदते हुए नजर आए। इसके साथ ही गर्मी व त्योहार को देखते हुए ठंडाई की भी खासी मांग रही। नमकीन की दुकानों पर लोगों की अच्छी खासी भीड़ थी इसके साथ ही इस त्योहार पर होने वाली खरीदी को देखते हुए कारोबारियों ने भी पहले से ही तैयारी करके रखी हुई थी और दुकानों पर नमकीन के विभिन्न वजन के पैकेट तैयार थे। केवल दुकानों पर ही नहीं बल्कि मंगलवार को शहर के किराना बाजार में दुकानदारी का आलम देखने को मिला। थोक से लेकर खेरिज बाजार में आटा, रबा, मैदा से लेकर तेलों की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में अधिक रही।

आरक्षित बोगियों में करना पड़ रही है जनरल क्लास की तरह यात्रा

होली के नजदीक आते ही ट्रेनों में एक-एक सीट के लिए मारामारी की स्थिति है। आरक्षित सीटें तो पहले ही भर गईं थीं, अब तत्काल में भी आसानी से सीट नहीं मिल पा रही हैं। सबसे बुरा हाल जनरल व स्लीपर बोगियों का बना हुआ है। क्योंकि त्योहार पर घर पहुंचने के चलते बोगियों में पांव रखने तक को जगह नहीं है, हालात यह हैं कि आरक्षित बोगियों की सीट पर यात्रियों को जनरल क्लास जैसी यात्रा करनी पड़ रही है। होली पर अपने घर जाने के लिए लोगों ने दो से तीन महीने पहले से ही रिजर्वेशन कराना शुरू कर दिए थे। इससे कई ट्रेनों में एक महीने पहले ही नो रूम की स्थिति पैदा हो गई थी। ऐसे में लोगों के पास तत्काल टिकट का ही सहारा बचा है। लेकिन, इसकी बुकिंग शुरू होने के महज चार-पांच मिनट के भीतर ही सीटें भर रही हैं। ग्वालियर-बरौनी मेल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, दिल्ली के लिए एपी एक्सप्रेस, यशवंतपुर िनजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, नांदेड़-निजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस में सात व आठ मार्च को तत्काल में भी सीटें फुल दर्शाई जा रही हैं। जनरल कोचों में जगह न मिलने पर लोग स्लीपर कोचों में घुस रहे हैं। इससे स्लीपर कोचों में पहले से रिजर्वेशन कराकर बैठीं सवारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।