कश्मीर घाटी में नए अंदाज में मन रहा नवरेह

कश्मीर घाटी में नए अंदाज में मन रहा नवरेह

श्रीनगर। घाटी में नवरेह इस बार अलग अंदाज में मनाया जा रहा है। हरिपर्वत स्थित शारिका देवी मंदिर में होने वाली विशेष पूजा में शामिल होने के लिए देश भर से कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग पहुंचे हुए हैं। घाटी के लोग भी कश्मीरी पंडितों का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि कश्मीरी पंडित वापस आएं और उनके साथ मिलकर रहें। जेके पीस फोरम के चेयरमैन सतीश महालदार ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद दहशत में घर-बार छोड़ने को मजबूर लोगों के लिए सुरक्षा व आत्मसम्मान की भावना जगाना है। इस बार कोशिश है कि सभी धर्मों के लोगों को एक मंच पर लाकर पंडितों की वापसी का माहौल बनाया जाए। देश भर से पांच हजार कश्मीरी पंडितों के इस पूजा में शामिल होने की संभावना है।

कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की जांच हो : नेकां

नेशनल कांफ्रेंस की प्रवक्ता इफरा जान ने कहा कि मुझे भी नवरेह पर शारिका देवी मंदिर में पूजा अर्चना में बुलाया गया है। कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ भी हुआ उसकी जांच के लिए आयोग बैठना चाहिए। पीडीपी के युवा नेता नजमु साकिब ने कहा, हमारी जो मिश्रित संस्कृति और यहां की कश्मीरियत है वो कश्मीरी पंडितों की मौजूदगी के बिना अधूरी है। हमारी हमेशा यह कोशिश रही है कि वे गरिमापूर्ण ढंग से वापसी करें। कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीर अधूरा है। बता दें, नवरेह का अर्थ कश्मीरी नए साल से है। कश्मीरी पंडित 2 अप्रैल को शुभ दिन के रूप में मनाते हैं।