धूल खा रहे विमानों को सुधार कर उड़ने योग्य बनाएगा टाटा

धूल खा रहे विमानों को सुधार कर उड़ने योग्य बनाएगा टाटा

नई दिल्ली। टाटा समूह के पास जाते ही एअर इंडिया में बहुत कुछ बदलने लगा है। बदलाव की इसी बयार में टाटा ग्रुप ने अब एक और बड़ा फैसला किया है, जिससे अलग-अलग एयरपोर्ट पर धूल खा रहे कंपनी के हवाईजहाजों से भी काम लिया जा सकेगा। एअर इंडिया की नई मालिक टाटा ने सोचा है कि एयरपोर्ट हैंगर में खड़े विमानों को ठीक कराकर उन्हें सर्विस पर लगाएगी। इससे कंपनी का हवाई यात्रियों की बढ़ती डिमांड को पूरा करने में मदद मिलेगी। ये विमान इंजन की ओवरहॉलिंग नहीं होने या स्पेयर पार्ट्स नहीं मिलने की वजह से बंद पड़े हैं। इसमें नैरो-बॉडी से लेकर वाइडबॉडी वाली एयरक्राट शामिल हैं।

बंद पड़े हैं एअर इंडिया 25 से ज्यादा विमान

एअर इंडिया डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट पर सेवाएं देने वाली प्रमुख कंपनी है। ऐसे में कंपनी के बंद पड़े विमान ठीक होने के बाद उसकी सर्विस को और बेहतर बना सकते हैं। कंपनी के पास नैरोबॉडी वाले करीब 25 विमान ए 320 ऐसे हैं जो सर्विस से बाहर हैं। वहीं कई बोइंग 777 और 787 विमान भी इस कैटेगरी में शामिल हैं। अभी एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड के हैंगर्स में 8-10 ए320 एयरक्राट को ठीक किया गया है। जबकि कंपनी की प्लानिंग कई बोइंग 787 विमानों को अगले 3 महीने के भीतर वापस से सर्विस पर लगाने की है। कर्ज के भारी बोझ से दबी एअर इंडिया का मालिकाना हक हाल ही में टाटा ग्रुप के पास आया है। पिछले साल अक्टूबर में टाटा ग्रुप ने इसके लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जबकि इस साल जनवरी में सरकार ने एअर इंडिया टाटा को हैंडओवर कर दिया। हालांकि 1932 में जेआरडी टाटा ने ही इस कंपनी की शुरुआत की थी और अब 69 साल बाद इसकी टाटा समूह में वापसी हुई है।