10 दुर्लभ संयोग में शुरू होगा शक्ति का महापर्व

10 दुर्लभ संयोग में शुरू होगा शक्ति का महापर्व

ग्वालियर। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा के साथ 9 ग्रहों की शांति करने का भी सुनहरा अवसर भी मिलता है, क्योंकि हर देवी का संबंध किसी न किसी ग्रह से जरूर होता है। जब हम इन देवियों की नवरात्रि के दौरान पूजा करते हैं तो उस देवी से संबंधित ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं और पुण्य फल मिलने लगता है। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत रविवार से हो रही है। इस वर्ष माता का आगमन हाथी पर और प्रस्थान मुर्गा पर होगा। माता का आगमन और प्रस्थान दोनों ही शुभदायक हैं।

बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्र घंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री माता की साधना- उपासना कर उन्हें मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में नवरात्रि के दौरान देवी की आराधना करने से ग्रहों से विपरीत प्रभाव को कम किया जा सकता है या इनके दोषों से मुक्त हुआ जा सकता है। इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन 10 दुर्लभ संयोग बना रहे हैं। ग्रह नक्षत्र के अनुसार हंस योग, शंख योग, भद्रयोग, पर्वत योग, शुभ कर्तरी योग, उभयचर्री योग, बुध आदित्य योग, गज केसरी योग, पदम योग, प्रीति योग के साथ तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, तीन रवि योग, एक ही त्रिपुष्कर योग भी पूरे नवरात्रि में रहेंगे।

घट स्थापना के शुभ मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ होती है। इसके लिए दोपहर 11.42 से दोपहर 12.29 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त है। इसके अलावा चर, लाभ, अमृत चौघड़िया में शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 से दोपहर 12 बजे तक तथा शुभ चौघड़िया दोपहर 1.30 से 3 बजे तक है।

किस देवी की आराधना से मिलेगी ग्रह दोषों से मुक्ति

  • देवी शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्रमा से संबंधित दोष दूर होते हैं। 
  • ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित दोष से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। 
  • चंद्रघंटा की पूजा करने से शुक्र ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं और शुक्र ग्रह मजबूत होता है। 
  • मां कुष्मांडा की पूजा से सूर्य से संबंधित सभी दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है। 
  • स्कंद माता की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। 
  • मां कात्यायनी की आराधना करने से गुरु ग्रह को मजबूती मिलती है। 
  • मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि से जुड़े सभी दोषों का नाश होता है। 
  • महागौरी की पूजा-अर्चना से राहु से संबंधित दोषों का शमन होता है। 
  • सिद्धिदात्री की पूजा से केतु ग्रह से उत्पन्न दोष का नाश होता है।