एक लीटर पानी से शरीर में जा रहे 2 लाख प्लास्टिक के टुकड़े

एक लीटर पानी से शरीर में जा रहे 2 लाख प्लास्टिक के टुकड़े

नई दिल्ली। पानी की एक सामान्य बोतल (1 लीटर) में प्लास्टिक के करीब 2.40 लाख अंश पाए जाते हैं। नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इनमें से ज्यादातर हिस्सों की कभी पहचान ही नहीं हो पाई। उनका कहना है कि प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को हमेशा नजरअंदाज किया गया। जर्नल प्रोसीडिंग्स आॅफ द नेशनल एकेड मी आॅफ साइंसेज में सोमवार को प्रकाशित स्टडी में बोतलबंद पानी में मौजूद नैनोप्लास्टिक्स का मूल्यांकन किया गया। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में जियोकेमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर बाइजान यान ने बताया, अगर लोग बोतलबंद पानी में नैनोप्लास्टिक होने को लेकर चिंतित हैं तो उनका नल के पानी को विकल्प के रूप में सोचना पूरी तरह जायज है।

अजन्मे शिशुओं के लिए भी नैनो प्लास्टिक खतरनाक

ह्यूमन बॉडी के लिए नैनोप्लास्टिक माइक्रोप्लास्टिक की तुलना में ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि यह इतनी छोटी है कि मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर सकती है, रक्तप्रवाह में शामिल हो सकती है और शरीर के अंगों को प्रभावित कर सकती है। नैनोप्लास्टिक्स प्लेसेंटा के माध्यम से अजन्मे शिशुओं के शरीर में भी जा सकता है। वैज्ञानिकों को लंबे समय से बोतलबंद पानी में उनकी मौजूदगी का संदेह था लेकिन उनके पास नैनोकणों की पहचान करने की कोई तकनीक नहीं थी।

वैज्ञानिकों ने 25 बोतलों का किया विश्लेषण

शोधकर्ताओं ने नई माइक्रोस्कोप तकनीक का अविष्कार किया। डेटा-संचालित एल्गोरिथम को प्रोग्राम किया गया और अमेरिका में 3 लोकप्रिय ब्रांडों से खरीदी गई पानी की लगभग 25 बोतलों का विश्लेषण किया गया जिसके नतीजे चौंकाने वाले थे। शोधकर्ताओं को प्रत्येक लीटर में 1.10 लाख से 3.70 लाख छोटे प्लास्टिक कण मिले, जिनमें से 90% नैनोप्लास्टिक थे।

पूरी तरह नष्ट नहीं होती ह

दुनिया में हर साल 450 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है जिसमें से ज्यादातर आखिर में कचरे में बदल जाता है। प्लास्टिक का ज्यादातर हिस्सा प्राकृतिक रूप से नष्ट नहीं होता है, बल्कि समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। इस्तेमाल के दौरान प्लास्टिक के उत्पादों से प्लास्टिक के छोटे टुकड़े भी नियमित रूप से निकल जाते हैं।