जियो फाइनेंशियल के लिए बीएसई ने बदला फिल्टर, अब 20% होगा सर्किट

स्टॉक एक्सचेंज का नोटिफिकेशन - सोमवार से लागू होंगे बदलाव

जियो फाइनेंशियल के लिए बीएसई ने बदला फिल्टर, अब 20% होगा सर्किट

नई दिल्ली। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज ने शनिवार को जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के सर्किट फिल्टर में बदलाव किया है। एक्सचेंज ने जियो फाइनेंशियल के सर्किट रेंज को पांच फीसदी से संशोधित कर 20 फीसदी कर दिया है। सर्किट फिल्टर में किया गया ये बदलाव सोमवार से प्रभावी हो जाएगा। Ñबीएसई की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में ये जानकारी दी गई है। जियो फाइनेंशियल की लिस्टिंग हाल में शेयर बाजारों में हुई है। एक सितंबर को बीएसई इंडिसेज से जियो फाइनेंशियल के शेयर को हटा दिया गया था। हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस का डिमर्जर हुआ था और उसके बाद उसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज रखा गया था।

शेयरों में शुक्रवार को भी लगा था अपर सर्किट

जियो फाइनेंशियल के शेयरों में शुक्रवार को भी अपर सर्किट लगा था। कंपनी का शेयर 4.99 फीसदी उछाल के साथ 245.15 रुपए के स्तर पर क्लोज हुआ था। इस शेयर में पिछले पांच सत्र में 14 फीसदी से ज्यादा उछाल देखने को मिला है। इस स्टॉक का 52-वीक का हाई 262.05 रुपए है। वहीं, इस शेयर का 52-वीक का लो 202.80 रुपए है।

मल्टीबैगर रिटर्न दे सकता है यह स्टॉक :

राल्हण टीआईडब्ल्यू के चीफ एग्जीक्यूटिव आॅफिसर मोहित राल्हण के मुताबिक, कई ऐसे पहलू मौजूद हैं जिससे जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का शेयर आने वाले समय में एक मल्टीबैगर स्टॉक बन सकता है। एक इंटरव्यू में राल्हण ने कहा, कई ऐसे पहलू हैं जिनके बदौलत जेएफएस एक मल्टीबैगर स्टॉक बन सकता है। मार्केट में मौजूद बहुत अधिक मौके, वितरण की बहुत अधिक पहुंच, बहुत अधिक पूंजी वाले प्रमोटर का सपोर्ट और अनुभवी नेतृत्व आदि इनमें प्रमुख हैं।

देश के फाइनेंशियल सेक्टर में बड़े बदलाव पर नजर

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले कारोबारी समूह की कंपनी जियो फाइेंशियल सर्विसेज के शेयरों पर सबकी निगाहें हैं। इसकी वजह ये है कि जियो फाइनेंशियल की निगाहें भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में बड़े बदलाव लाने की है। पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी के आगे का रोडमैप पेश किया था। मुकेश अंबानी ने ग्रुप बोर्ड में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा करते हुए बताया कि बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स ने ईशा, आकाश, अनंत अंबानी को नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के साथ ही यह प्रभावी हो जाएगी।

गेमचेंजर साबित हो सकती है फिजिकल और डिजिटल पहुंच, कस्टमर बेस बढ़ेगा

राल्हण ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की फिजिकल और डिजिटल पहुंच गेमचेंजर साबित हो सकता है। इससे जेएफएस अपने कस्टमर बेस को तत्काल बढ़ा सकती है और एक बड़े वर्ग तक कई तरह की फाइनेंशियल सर्विसेज की पेशकश कर सकती है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को लेकर उन्होंने कहा कि कंपनी चार प्रकार के बिजनेस में प्रवेश कर रही है - इनमें रिटेल लेंडिंग, एसेट मैनेजमेंट, इंश्योरेंस ब्रोकिंग और डिजिटल पेमेंट्स शामिल हैं। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लेंडिंग की ओर टार्गेट करने को देखेगी। इसकी वजह ये है कि भारत में रिटेल लेंडिंग मार्केट में अभी काफी अधिक संभावनाएं मौजूद हैं क्योंकि लोगों की खर्च करने लायक इनकम बढ़ी है और कर्ज को लेकर लोगों का रुख नरम हुआ है। हालांकि, फंडिंग की कम लागत जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी बेनिफिट नहीं रहने वाला है क्योंकि बड़े बैंक और सस्ती दरों पर फंड जुटा सकते हैं। लेकिन इसकी पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का विशाल डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क इसका सबसे बड़ा एडवांटेज साबित हो सकता है। रिलायंस रिटेल करीब 25 करोड़ ग्राहकों को अपनी सेवाएं दे रही है। वहीं रिलायंस जियो करीब 44 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं दे रही है। ऐसे में जेएफएस ग्राहकों की एक बड़ी संख्या तक पहुंच सकता है।