अभी सोनिया संभालेंगी कांग्रेस, छह माह में नए अध्यक्ष का चयन

अभी सोनिया संभालेंगी कांग्रेस, छह माह में नए अध्यक्ष का चयन

नई दिल्ली । कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की शुरुआत सोमवार को सियासी बवंडर के साथ हुई। सोनिया गांधी ने शुरुआत में ही अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी। इसके बाद राहुल ने बीमारी के दौरान चिठ्ठी लिखने वाले 23 नेताओं को आड़े हाथों लिया। कहा- यह भाजपा की मिलीभगत से किया गया। इस पर जमकर हंगामा हुआ। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर बायो से कांग्रेस हटा लिया तो गुलाम नबी आजाद ने कहा- मिलीभगत के आरोप सच साबित हुए तो पार्टी छोड़ दूंगा। विवाद बढ़ा तो पार्टी डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई। करीब 7 घंटे चली बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया से अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया। इसके बाद तय किया गया कि नए अध्यक्ष का चयन 6 महीने के भीतर कर लिया जाएगा। बाद में सोनिया ने कहाजिन लोगों ने चिठ्ठी लिखी थी, उनके लिए कोई दुर्भावना नहीं है। आखिर हम सब एक परिवार हैं।

मीटिंग में किसने क्या कहा 

सोनिया गांधी : अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश करते हुए कहा कि मुझे रिप्लेस करने की प्रक्रिया शुरू करें। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने उनसे पद पर बने रहने को कहा। राहुल गांधी :जब सोनिया गांधी हॉस्पिटल में भर्ती थीं, उस वक्त पार्टी लीडरशिप को लेकर लेटर क्यों भेजा गया? पार्टी लीडरशिप में बदलाव की मांग का लेटर भाजपा की मिलीभगत से लिखा गया।

 कोई विवाद नही 

पार्टी नेता पीएल पुनिया ने बताया कि गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा ने लिखित में यह बात कही है कि पार्टी लीडरशिप को लेकर कोई विवाद नहीं है। पार्टी में विचारों को सामने रखने की आजादी है, लेकिन इस पर चर्चा पार्टी फोरम में होनी चाहिए।

 मलीभगत कैस

हमने राजस्थान में कांग्रेस का केस कामयाबी के साथ लड़ा। मणिपुर में भाजपा को फेल किया। बीते 30 साल में कभी भी, किसी भी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ मिलीभगत में हैं? -कपिल सिब्बल का ट्वीट

बैठक के बाद आजाद के घर पहुंचे सिब्बल समेत कई नेता 

सीडब्ल्यूसी की 7 घंटे चली बैठक के बाद सोमवार रात गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के कई ऐसे नेताओं ने बैठक की, जिन्होंने कांग्रेस में नेतृत्व बदलने की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। आजाद के आवास पर कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता पहुंचे थे। उधर, पूरे विवाद के बाद कपिल सिब्बल ने अपना वह ट्वीट वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि राहुल ने निजी तौर पर मुझे बताया है कि उन्होंने मिलीभगत जैसा कोई आरोप नहीं लगाया था।

 शिवराज बोले- पतन और विनाश की ओर कांग्रेस 

कांग्रेस की कलह को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस पतन की ओर है, विनाश की तरफ है। विनाश काले विपरीत बुद्धि। अगर कांग्रेस में कोई सच बात कहता है, तो उस पर आरोप लगा दिया जाता है कि, वो भाजपा से मिला हुआ है। गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बलजैसे नेता चिट्ठी लिखते हैं कि, कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष चाहिए। उस स्थिति पर विचार करने की बजाय पार्टी के युवराज कहते हैं कि, ये लोग भाजपा से मिले हुए हैं, जबकि इसके ऊपर विचार होना चाहिए था। शिवराज ने कहा कि, ‘कांग्रेस कभी सच नहीं सुनना चाहती, जो सच बोलता है उसे वह गद्दार साबित कर देती है।