अंचल के चार जिलों में सूखे की आशंका 25 से 29 फीसदी पानी कम बरसा

अंचल के चार जिलों में सूखे की आशंका 25 से 29 फीसदी पानी कम बरसा

ग्वालियर। मानसूनी सीजन में मालवा-महाकौशल में अच्छी बारिश के बाद भी ग्वालियर-चंबल संभाग प्यासा ही रह गया । मानसून की विदाई में एक सप्ताह शेष है लेकिन ग्वालियर, भिंड, दतिया, श्योपुर में 25 फीसदी से 29फीसदी तक बारिश कम होने से सूखा की आशंका निर्मित हो गई है। कम बारिश से अंचल के बांधों पर भी बुरा असर हुआ है। खरीफ फसल को बचाने के लिए हरसी डैम और कोटा बैराज से नहर में पानी भले ही छोड़ा जा रहा है लेकिन रबी का क्या होगा इस बारे में सभी मौन हैं। अंचल के भिंड में सामान्य वार्षिक औषत से 29 फीसदी कम पानी गिरा है। श्योपुर में 28, दतिया में 26 और ग्वालियर में 25 फीसदी कम पानी गिरा है। इसके कारण इन चारों जिलों में सूखा ने दस्तक दे दी है। मानसून की विदाई के बाद मौसम विभाग एक रिपोर्ट जारी करेगा कि प्रदेश के किन-किन जिलों में सामान्य वार्षिक औषत से कितना कम पानी गिरा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर जिलावार सूखा की घोषणा की जाएगी। लेकिन उपचुनाव के दौरान ही राजनीतिक दल विशेष रूप से सत्तारूढ़ दल की और से किसानों को रिझाने के लिए सूखा घोषित किए जाने का अनुमान है। पिछले आठ वर्षों में सबसे कम बारिश इस बार मौसम विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 से सितंबर 2020 के दौरान सबसे कम बारिश वाला यही मानसून सत्र है। 20 सितंबर 2013 को 743.8 एमएम, 20 सितंबर 2014 में 590.1 एमएम, 20 सितंबर 2015 तक 613.8 एमएम, 20 सितंबर 2016 तक 563.8 एमएम,20 सितंबर 2017 तक 635.13 एमएम, 20 सितंबर 2018 तक 781.1 एमएम, 20 सितंबर 2019 तक 746.3 एमएम बारिश हुई थी। जबकि 20 सितंबर 2020 तक सिर्फ 517.7 एमएम बारिश ही हुई। जबकि 20 सितंबर तक की औषत वार्षिक वर्षा 762.3 एमएम है। उमस कर रही है परेशान 22 सितंबर की स्थिति तक सामान्यत: गुलाबी ठंड शुरू हो जाती थी लेकिन अभी तक उमस पीछा नहीं छोड़ रही। चूंकि इस बार बारिश कम हुई है इसलिए जमीन को पर्याप्त नमी भी नहीं मिल पाई और तीखी धूप परेशान कर रही है। मंगलवार को कुछ देर के लिए दोपहर में जरूर बादल घिरकर आए शहर के एक हिस्से में बूंदाबांदी भी हुई लेकिन उमस से निजात नहीं मिल सकी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 35.5 डिसे और न्यूनतम तापमान 26.5 डिसे दर्ज किया गया है। आर्द्रता 80 प्रतिशत दर्ज की गई है। इनका कहना है मानसून सीजन में ग्वालियर-चंबल में अच्छी बारिश नहीं होने से डैम खाली रह गए हैं। इसलिए पानी का संकट खड़ा हुआ है। आरपी झा, एसई, सिंचाई विभाग