सीवेज व कचरे से जुड़ीं समस्या दो दिन में दूर नहीं की तो कलेक्टर के पास पहुंचेगी शिकायत

सीवेज व कचरे से जुड़ीं समस्या दो दिन में दूर नहीं की तो कलेक्टर के पास पहुंचेगी शिकायत

भोपाल। प्रदेश के नगरीय निकायों की सीवरेज और कचरे के साथ ही नगरीय प्रशासन की कई सेवाओं को अब लोक सेवा गारंटी से जोड़ दिया गया है। नगर निगम में आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी और नगर पालिका व नगर परिषद में मुख्य नगरपालिका अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे।  सभी नगरीय निकायों को सीवरेज क्लीनिंग या कचरा कलेक्शन के लिए कोई शिकायत मिलती है, तो उसे दो दिन में समाधान करना होगा। अगर नगर निगम स्तर पर समस्या हल नहीं हुई तो शिकायत कलेक्टर के पास पहुंच जाएगी। यहां से तीन दिन के अंदर इसका निराकरण करना होगा। तीन दिन में कलेक्टर के स्तर पर शिकायत का समाधान नहीं हुआ तो मामला संभागायुक्त के पास पहुंच जाएगा। 

ये सेवाएं आईं लोक सेवा गारंटी के तहत :
नए सीवेज कनेक्शन देने, होर्डिंग या साइनेज लायसेंस, रोड कटिंग की अनुमति, उसके आधार पर किए गए काम व उसकी मरम्मत, आॅडिटोरियम या पब्लिक अम्यूजमेंट के स्थान और खाद्य व्यवसाय के लिए लाइसेंस को भी लोक सेवा गारंटी के तहत लाया गया है। समय सीमा 30 दिन तय की गई है। तय समय पर काम न होने पर कलेक्टर को 7 दिन में समाधान करना होगा। तीसरी अपील संभागायुक्त के पास की जा सकेगी।

निगम प्रशासन ने मैपआईटी के सहयोग से रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम की तर्ज पर म्यूनिसिपल केस मैनेजमेंट सिस्टम (एमसीएमएस) तैयार किया है। इससे अब प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित शिकायत करने और उसका निराकरण जानने के लिए नगर निगम दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। म्युनिसिपल केस मैनेजमेंट सिस्टम (एमसीएमएस) के जरिए आॅनलाइन शिकायत दर्ज हो जाएगी। एमसीएमएस में दस्तावेज भी अपलोड हो जाएंगे। टैक्स की गणना के संबंध में शिकायतों का निराकरण सात दिन में और नामांतरण के आवेदनों का निराकरण 15 दिन में करने का दावा निगम कर रहा है।