वैक्सीन में जल्दबाजी की तो पैरालिसिस का खतरा

वैक्सीन में जल्दबाजी की तो पैरालिसिस का खतरा

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख डॉक्टर और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर कॉलिग्नन ने कहा कि हो सकता है कि जल्दबाजी में बनाई गई कोरोना वैक्सीन काम न करे और इसके साइड इफेक्ट के रूप में पैरालिसिस जैसी गंभीर दिक्कतें हों। डब्ल्यूएचओ के साथ काम कर चुके माइक्रोबायोलॉजिस्ट कॉलिग्नन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को एक साल तक वैक्सीन नहीं मिल पाएगी और सरकार विदेशों से वैक्सीन खरीदने के लिए जल्दबाजी न करे। आंकड़ा तो बढ़ेगा ही प्रो. कॉलिग्नन ने कहा कि हो सकता है कि सबसे बुरे परिणाम के शिकार 5 हजार लोगों में से भले ही एक हो। लेकिन जब 10 लाख लोगों को ये वैक्सीन लगेगी, तो 200 लोग पैरालिसिस के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई सुरक्षित वैक्सीन अगले साल ही आ सकती है, क्योंकि वैक्सीन की जांच हजारों लोगों पर करने में कई महीने लगते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षित वैक्सीन की तलाश पूरी होने के बाद भी महामारी खत्म होने में कई साल लगेंगे।

अमेरिकी एक्सपर्ट फाउची बोले- अगले साल की शुरुआत तक लोगों को मिल जाएगी वैक्सीन

वॉशिंगटन। अमेरिका में संक्रामक रोगों के बड़े एक्सपर्ट एंथोनी फाउची ने उम्मीद जताई है कि कोरोना वैक्सीन इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत तक उपलब्ध हो जाएगी। एक इंटरव्यू में फाउची ने कहा कि एक साल के भीतर दुनिया को वापस सामान्य स्थिति में लाने के लिए आधा प्रभावी टीका भी पर्याप्त होगा।

रूस में एक माह में शुरू होगा सामूहिक कोरोना टीकाकरण

मॉस्को। रूस में कोरोना के खिलाफ आवश्यक मात्रा में वैक्सीन उत्पादन के बाद लगभग एक महीने में सामूहिक टीकाकरण शुरू हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर रूस को वैक्सीन की पहली खेप हासिल हो चुकी है। इधर गमालेया इंस्टीट्यूट के मुताबिक वह दिसंबर और जनवरी तक हर महीने 50 लाख वैक्सीन उत्पादन की क्षमता हासिल कर लेंगे।