भारत ने 47 साल का लक्ष्य मात्र 6 साल में हासिल किया, विश्व बैंक ने प्रशंसा की

भारत ने 47 साल का लक्ष्य मात्र 6 साल में हासिल किया, विश्व बैंक ने प्रशंसा की

नई दिल्ली। विश्व बैंक ने भारत द्वारा विकसित मॉडलों से प्रेरित प्रौद्योगिकी आधारित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की वकालत की है। विश्व बैंक ने कहा कि भारत ने 47 साल के लक्ष्य को मात्र 6 साल में हासिल कर लिया, जो बड़ी उपलब्धि है। यह प्रशंसा भारत की स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थिरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में सरकार की सहायता करने के लिए की गई है। भारत की रणनीति जन-धन (जे), आधार (ए) और मोबाइल (एम) की जेएएम तिकड़ी पर निर्भर करती है और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच के लिए अधिक कारगर खाता खोलने तथा भुगतान के लिए डिजिटल आईडी को एकीकृत करती है। यह सुझाव विश्व बैंक की एक रिपोर्ट ‘डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए जी-20 नीति सिफारिशें’ से आया है।

भारत ने 80% वित्तीय समावेशन की दर हासिल की:

रिपोर्ट में कहा गया कि केवल छह वर्षों में भारत ने 80 प्रतिशत वित्तीय समावेशन दर हासिल की है। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसमें डीपीआई के बिना लगभग 5 दशक लग जाते। समावेशी वित्त के लिए विशेष अधिवक्ता और जीपीएफआई की मानद संरक्षक नीदरलैंड की महारानी मैक्सिमा ने कहा कि ब्राजील, सिंगापुर एस्टोनिया और पेरू सहित अन्य देशों ने इसी तरह डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, डीपीआई) मॉडल को अपनाया है, जो इस दृष्टिकोण की प्रभावकारिता को रेखांकित करते हैं।