किसी ने की सराहना तो कई का कहना रहा चुनावी बजट

किसी ने की सराहना तो कई का कहना रहा चुनावी बजट

जबलपुर। प्रदेश सरकार द्वारा बुधवार को प्रस्तुत किए गए बजट से लोगों को काफी उम्मीदें रहीं। लाभदायक योजनाओं, युवा वर्ग को रोजगार, महिलाओं के लिए राहतकारी संदेश देने वाला बजट रहा। हालांकि केन्द्र द्वारा इसी दिन एलपीजी पर बढ़ाई गई कीमतों पर गृहणियों में आक्रोश के भाव नजर आए। बजट पर महिलाओं, किसानों, युवाओ पर ध्यान देते हुए उद्योग- व्यापारयों पर फोकस किया गया है। उल्लेखनीय है कि बजट के बाद लोगों की खासी प्रतिक्रिया रही। एक तरफ जहां अर्थशास्त्रियों ने बजट को भविष्य की दृष्टि से देखा, तो युवा वर्ग में रोजगार को लेकर उत्साह देखा गया। शहर में डेरी, टिम्बर और पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए प्रावधान किए गए हैं। वहीं युवाओं-महिलाओं, व्यापारियों को साधने के प्रयास हैं। सियासी चश्मे से देखें तो एक बार फिर विरोधियों ने बजट का विरोध किया तो समर्थकों ने समर्थन कर दिया।

महिलाओं, किसानों, युवाओं के हित का बजट

जिस तरह से मप्र के इस बजट में महिलाओं के लिए लाडली बहिना योजना को लागू करने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है वह अभूतपूर्व और सराहनीय कदम है। साथ ही प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर देने, किसानो को नान डिफॉल्टर श्रेणी में लाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार स्किल सेल एनीमिया मिशन में बजट के प्रावधान से युवाओं को स्वयं का रोजगार प्राप्त होगा। -राकेश सिंह,सांसद

आत्मनिर्भर मप्र की समृद्धि का बजट

यह बजट प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रख कर पेश किया गया है। किसान, महिलाएं, युवाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित दैनिक रोजगार तथा व्यवसायी आदि प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गया है। होनहार बेटियों के लिए भाजपा की प्रदेश सरकार बड़ी सौगात मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना का शुरू करना है। सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के पुनरुत्थान के लिए भाजपा सरकार संकल्पित है। इसीलिए मप्र में तीर्थ स्थलों को नयी पहचान दी जा रही है। -शरद अग्रवाल, प्रदेश संयोजक भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ

ओपीएस का प्रावधान न होने से कर्मचारी हताश

राज्य के 10 लाख कर्मचारी यह अपेक्षा कर रहे थे कि पड़ोसी राज्यों के राजस्थान, छत्तीसगढ़ की सरकारों का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना 31 दिसंबर 04 में स्थिति में पुन: ओपीएस लागू करेगी, किन्तु बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसी प्रकार सातवें वेतनमान अनुसार मकान भाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता, वाहन भत्ता, में कोई बढ़ोत्तरी तथा कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करना, कोरोनाकाल के महंगाई भत्ता एरियर्स का कोई प्रावधान नहीं है। पेंशनरों के मंहगाई भत्ते का कोई प्रावधान नहीं है, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वृत्ति कर से मुक्त रखने जैसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का कोई उल्लेख नहीं है। कर्मचारियों को निजी अस्पतालों में ईलाज हेतु आयुष्मान कार्ड योजना से भी वंचित रखा गया है, न तो स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो रही और न ही आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल रहा है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने बताया कि प्रथम दृष्टया राज्य सरकार का यह बजट 2023-24 से प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है। जिससे प्रदेश के निगम, मण्डल, अनुदान प्राप्त संस्था लगभग 10 लाख कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

जेसीसीआई की रही तीखी प्रतिक्रिया

बजट से प्रदेश के उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग में घोर निराशा है। प्रदेश शासन अर्थव्यवस्था को चलाने वाले व्यवसायी वर्ग के हितों के प्रति संवेदनशील नहीं है। प्रदेश के बजट से क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा क्योंकि जबलपुर एवं महाकौशल क्षेत्र के हितार्थ बजट में कुछ भी नहीं है। बजट पर परिचर्चा में जबलपुर चेम्बर ऑफ कामर्स के सदस्यों में इस तरह की तीखी प्रतिक्रिया रही।

उद्योगपतियों की मानें तो बजट में जबलपुर में निवेशरत उद्योग एवं संभावित निवेशकों को आकर्षित करने कुछ भी नहीं किया गया है, न ही औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की बात कही गई है और न ही स्थापित होने वाले विभिन्न क्लस्टरों के लिए वित्तीय आवंटन किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सिर्फ और सिर्फ चुनाव एवं वोटरों के तबके को ध्यान में रख कर यह बजट लाया गया है।

टोल टैक्स एवं पैट्रोल डीजल

जबलपुर चेम्बर के उपाध्यक्ष नरिन्दर सिंह पांधे ने कहा कि बजट से ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों को काफी उम्मीदें थीं जैसे कि डीजल की दर को कम करना तथा टोल नाकों पर लिये जाने वाले कर को कम करना जो कि पूरी नहीं हो पाई।

व्यापारिक हितों की अनदेखी

चेम्बर अध्यक्ष प्रेम दुबे, हिमांशु खरे, कार्यसमिति सदस्य अनिल अग्रवाल, निखिल पाहवा, जितेन्द्र पचौरी, दीपक सेठी, अभिषेक ध्यानी, शशिकांत पांडेय आदि ने प्रदेश के बजट को उपेक्षापूर्ण निरुपित किया है। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि व्यापारी करदाताओं की अनदेखी सरकार ने की है, कोई नया कर नहीं लगाया है लेकिन प्रदेश की अर्थव्यवस्था का भविष्य भी निश्चित नहीं किया है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

आकर्षक योजनाओं वाला भविष्य का बजट

पहला पेपरलेस बजट आकर्षक, आवश्यक एवं भविष्य का निर्माण करने वाली योजनाओं का बजट है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्रदेश का योगदान 4.8 फीसदी हो गया है। कृषक, बुजुर्ग, दिव्यांग, सिंचाई, मोटे अनाज की योजनायें एक विकसित प्रदेश का निर्माण करेगी। -प्रो. शैलेष चौबे अध्यक्ष, अर्थशास्त्र रादुविवि

शिक्षा, प्रोत्साहन वाला सर्वव्यापी बजट

प्रदेश सरकार का बजट शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाला है। मेरिट की छात्रा को ई-स्कूटी निश्चित ही बालिकाओं को प्रोत्साहित करेगी। लाडली बहना के तहत योजना अच्छी है। मैं कहना चाहूंगी कि एलपीजी की कालाबाजारी ही दाम बढ़ने की मुख्य वजह है, इस पर लगाम लगना चाहिए। -सुधा ठाकुर, गृहणी