नीतीश के भाजपा से फिर हाथ मिलाने की अटकलें

नीतीश के भाजपा से फिर हाथ मिलाने की अटकलें

पटना। पिछले कुछ दिनों से बिहार के राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है कि जदयू और राजद के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। खासकर तब से जब से राजद के कुछ नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से यू-टर्न लेकर बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं। पिछले 10 दिनों में ऐसे कम से कम 5 मौके देखने को मिले हैं जब नीतीश कुमार ने यह संकेत दिया है कि बीजेपी के साथ उनकी बातचीत शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार शनिवार को पूर्व डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के पिता के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए कटिहार गए। नीतीश तार किशोर प्रसाद के घर पर 1 घंटे तक रुके। हाल ही में अमित शाह ने नीतीश कुमार को फोन कर बिहार के नए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की नियुक्ति की जानकारी दी थी।

बिहार के मुख्यमंत्री और तेजस्वी की राय अलग

गलवान में शहीद हुए जय किशोर सिंह के पिता को सरकारी जमीन पर स्मारक बनाने के मुद्दे पर बिहार पुलिस द्वारा पिटाई, अपमानित और जेल में डाले जाने के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से अलग राय रखी। जबकि तेजस्वी ने स्पष्ट कहा कि पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने शहीद के पिता के साथ जो भी कार्रवाई की थी वह सही थी, वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए और कहा कि यह जांच की जानी चाहिए कि शहीद के पिता को परेशान क्यों किया गया?

मोदी, राजनाथ, गड़करी ने दी जन्मदिन की बधाई

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 मार्च को जन्मदिन पर बधाई देने के लिए नीतीश कुमार को फोन किया। उसी दिन नीतीश ने सदन में कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्हें फोन किया है। माना जा रहा है कि नीतीश ऐसा कहकर सदन में मौजूद राजद को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी और भाजपा एक बार फिर से बातचीत शुरू हो चुकी है। पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर नीतीश को जन्मदिन की बधाई दी थी।

तमिलनाडु में श्रमिकों पर हमले पर भी मानी बीजेपी की मांग

हाल ही में तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों पर स्थानीय लोगों द्वारा कथित हमला किए जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर कई वीडियो और खबरें आई हैं। यह मुद्दा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने उठाया था जिसके बाद जनता दल यूनाईटेड के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले की किसी भी घटना को खारिज कर दिया था। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिलने और उनके द्वारा मांग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 सदस्यीय टीम का गठन किया और मामले की जांच करने के लिए उन्हें तमिलनाडु भेज दिया।