युवाओं से ज्यादा सक्रिय होता है बुजुर्गों का ब्रेन

युवाओं से ज्यादा सक्रिय होता है बुजुर्गों का ब्रेन

वाशिंगटन। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर का कहना है कि बुजुर्गों का ब्रेन ज्यादा सक्रिय हो जाता है। साठ की उम्र के बाद ब्रेन के दाहिने और बांए हेमीस्फीयर्स के बीच सामंजस्य स्थापित हो जाता है, जिससे व्यक्ति की सृजन करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यही कारण है कि आप ऐसे कई व्यक्ति पाएंगे जो 60 वर्ष से अधिक आयु होने के बाद अपनी सृजनात्मक गतिविधियों की शुरुआत करते हैं।

चरम पर होती हैं बौद्धिक गतिविधियां : मनुष्य की बौद्धिक गतिविधियां 70 वर्ष की आयु में चरम पर होती हैं, यह वह समय होता है जब मस्तिष्क पूरी ताकत के साथ काम करना शुरू करता है। हालांकि अधिक उम्र में ब्रेन युवावस्था जैसा तेज नहीं होता है।

300 प्रतिशत तक बढ़ जाती है ब्रेन की क्षमता

समय के साथ मस्तिष्क में माइलीन की मात्रा बढ़ती जाती है। यह वह पदार्थ होता है जो न्यूरॉन्स के बीच संकेतों की राह को सुगम बना देता है। इस वजह से बौद्धिक क्षमताएं 300 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। रोचक बात यह है कि 50 वर्ष की उम्र के बाद कोई व्यक्ति अपने मस्तिष्क के दोनों हेमीस्फीयर्स का उपयोग शुरू कर सकता है। यह क्षमता आपको अधिक जटिल समस्याओं को सुलझाने की समझ प्रदान करती है।

सही निर्णय लेते हैं 50 से अधिक उम्र के लोग

मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोन्ची उरी का मानना है कि किसी समस्या को हल करने के लिए बुजुर्ग व्यक्ति का दिमाग उस मार्ग को चुनता है जिसमें कम ऊर्जा खर्च होती है और अनावश्यक उलझनें नहीं होतीं हैं। विभिन्न आयु समूह के लोगों के अध्ययन में यह बात सामने आई है। जब परीक्षा पास करने की बात आती है तो युवा बहुत अधिक भ्रमित रहते हैं, वहीं 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ऐसी स्थिति में सही निर्णय लेते हैं।