वाशिंग मशीनों की चिप कंप्यूटरों में लगा रहीं टेक कंपनियां

वाशिंग मशीनों की चिप कंप्यूटरों में लगा रहीं टेक कंपनियां

टेक्सास। दुनियाभर में चल रहे माइक्रोचिप के संकट से निपटने टेक्नोलॉजी कंपनियों ने अनूठा रास्ता निकाला है। ये कंपनियां नई वाशिंग मशीनें खरीद रही हैं ताकि उनकी माइक्रोचिप निकालकर अपने कंप्यूटरों में लगा सकें। कभी सिर्फ कंप्यूटरों एवं मोबाइल फोनों में यूज किए जाने वाले चिप आज कार, रसोई के उपकरणों, टीवी, स्पीकर, थर्मोस्टेट, स्मार्ट लाइट बल्ब में भी लगाए जाने लगे हैं।

बढ़ती मांग की पूर्ति नहीं कर पा रहे माइक्रोचिप निर्माता

लॉकडाउन के दौरान लोगों ने बड़ी संख्या में कंप्यूटर एवं उन गैजेटस की खरीदी की, जिनमें ये सेमीकंडक्टर लगे होते हैं। निर्माता कंपनियां इनकी बढ़ती मांग की पूर्ति नहीं कर पा रही हैं। इन माइक्रोचिप्स की भारी कमी के कारण कार निर्माता जैसे टेस्ला एवं फोर्ड से लेकर उपकरण निर्माण से जुड़ी बॉश एवं हॉटपाइंट तथा वीडियो गेम कंसोल निर्माता सोनी एवं माइक्रोसॉμट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस संकट का सबसे ज्यादा असर कार निर्माताओं पर पड़ा है, उनके अरबों रुपए के वाहन फैक्ट्रियों में ही अटके पड़े हैं क्योंकि उन्हें अपने वाहनों में लगाने के लिए चिप्स ही नहीं मिल रही हैं। दो साल पहले तक मामूली कीमत पर मिलने वाली ये चिप्स अब ढूंढने से भी नहीं मिल रही हैं। इस कमी को दूर करने के लिए ये कंपनियां अब अपने उपयोग के लिए वाशिंग मशीनों में लगी चिप्स का सहारा ले रही हैं।

वाशिंग मशीनों में चिप्स का कहां होता है उपयोग

मल्टीनेशनल कंपनियां बड़ी संख्या में नई वाशिंग मशीनें खरीद कर उसे तोड़ कर उसमें से चिप्स निकाल रही हैं। आधुनिक समय में जो वाशिंग मशीनें बनती हैं, उनमें कई तरह की चिप लगती हैं। वाशिंग मशीन में इन चिप्स का उपयोग मशीन के टच स्क्रीन, वाई-फाई कनेक्शन, लोड वेट सेंसर एवं फॉल्ट डिटेक्टर्स में किया जाता है।