डुमना नेचर पार्क में टोटल लॉकडाउन, गार्ड के पॉजिटिव निकलने के बाद बढ़ी सख्ती

डुमना नेचर पार्क में टोटल लॉकडाउन, गार्ड के पॉजिटिव निकलने के बाद बढ़ी सख्ती

जबलपुर । डुमना नेचर पार्क में प्रवेश को लेकर रोक तो मार्च से लगी हुई है मगर इन दिनों यहां के एक गार्ड के पॉजिटिव निकलने के बाद यहां सख्ती और अधिक बढ़ा दी गई है।वर्षा काल में डुमना नेचर पार्क को बंद किया जाता है इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इसे मार्च से ही बंद करवा दिया गया था जो कि अभी भी बंद ही है। इंसानी आवाजाही थमने से यहां रहने वाले वन्य पशुओं का उन्मुक्त विचरण जारी है। गौरतलब है कि पूरे देश में सर्वाधिक वन भूमि नगर निगम जबलपुर के पास ही है। करीब 13 सौ हैक्टेयर में विस्तारित डुमना नेचर पार्क के बेहद मामूली हिस्से में ही पार्क को विकसित किया गया है जो कि खंदारी जलाशय के इर्द-गिर्द ही है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं जिनमें खंदारी जलाशय में रहने वाले मगर भी शामिल हैं। इन दिनों ये मगर किनारों तक टहलते देखे जा रहे हैं। वहीं वन क्षेत्र में हिरण,बारासिंघा व चीतलों की भी भरमार है।

अमले में हड़कंप

यहां के एक गार्ड के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद कर्मचारी अमले में हड़कंप का आलम है। यहां पर वन विभाग के सुरक्षा गार्ड तैनात हैं साथ ही नगर निगम ने भी निजी सुरक्षा गार्डस यहां पर तैनात किए हैं। अब गेट के आसपास भी किसी भी आगंतुक को फटकने नहीं दिया जा रहा है। वीआईपी या अधिकारी वर्ग भी यहां फिलहाल महीनों से नहीं देखे जा रहे हैं।

तेंदुए का भी मूवमेंट

बताया जाता है कि लॉक डाउन पीरियड में डुमना नेचर पार्क से लगे मुख्य मार्ग में और वन क्षेत्र में तेंदुए का मूवमेंट भी देखा गया है। डुमना नेचर पार्क में तेंदुआ अक्सर देखा जाता रहा है। दरअसल यहां पर भारी संख्या में चीतलों की मौजूदगी के चलते तेंदुआ का मूवमेंट बना रहता है।

कॉटेज, रिसॉर्ट भी बंद

डुमना नेचर पार्क में पयर्टकों के लिए नगर निगम ने 2 कॉटेज भी बनवाए थे जिन्हें किराए पर लेकर पयर्टक यहां ठहर भी सकते थे। यहीं पर एक रिसॉर्ट भी है जहां खाने-पीने की व्यवस्था है। यहां पर ट्राय-ट्रेन भी थी जो कि खराब होने के कारण यहां से ले जाई गई है। नगर निगम ने यहां पर प यर्टकों के लिए एक नेचुरल साइकिल ट्रैक का निर्माण भी करवाया था जो कि करीब 11 किमी लंबाई का है। किराए पर साइकिलों की व्यवस्था भी करवाई गई थी।