मानव तस्करी की कहानी, देखते समय असहज महसूस करने लगते हैं दर्शक

मानव तस्करी की कहानी, देखते समय असहज महसूस करने लगते हैं दर्शक

स्वरा भास्कर की नई वेब सीरीज ‘फ्लैश’ ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी मानव तस्करी के बारे में बात करती है। अपनी बात मनवाने के लिए ये सीरीज किसी भी हद तक जाने को तैयार है। वो इस मामले की गंभीरता और गहराई में जाने की बजाय इसे सनसनीखेज बनाना चाहती हैं। इस सीरीज में कई ऐसे सीन्स हैं, जिन्हें देखते हुए आप खीझ से भर जाते हैं। गैर-जरूरी सीन्स से लेकर बच्चों के साथ हो रही अजीबोगरीब हरकतें, बेवजह गाली-गलौज और अति-हिंसक सीन का समागम ‘फ्लैश’ में दिखाया गया है। फिल्म का निर्देशन दानिश असलम ने किया है। एक्टिंग अक्षय ओबेराय, महिमा मकवाना, युधिष्ठिर उर्स, विद्या मलावडे की है, जिन्होंने अपने रोल के साथ ठीक काम किया है।

कहानी कुछ इस तरह : इस सीरीज की कहानी शुरू होती है एक एनआरआई जोड़े से। रीबा और शेखर एक शादी अटेंड करने मुंबई आए हैं। शादी के दिन उनकी 16 साल की बेटी जोया गायब हो जाती है। ये मैटर एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग को ट्रांसफर करने में देरी हो रही है और लोकल पुलिस कुछ नहीं कर पा रही। एक छापेमारी के दौरान गोली चलाने की वजह से मानव तस्करी वाले डिपार्टमेंट की एसीपी राधा नौटियाल यानी स्वरा भास्कर को सस्पेंड किया जा चुका है। शेखर राधा से मिलता है और उसे आफ-ड्यूटी अपनी बेटी को ढूंढने की डील कर लेता है। इस कहानी के साथ-साथ पंजाब में बच्चों की तस्करी की भी एक कहानी चल रही है। साइमन नाम का एक किडनैपर बच्चे उठाता है और अपने बॉस के आदेश पर उन्हें एक खाली पड़े अस्पताल में छुपाकर रखता है। इन बच्चों के झुंड में रज्जी नाम की एक लड़की है जो अपने भाई के साथ वहां से भागने की कोशिशें करती है। राधा किताबी तरीके से काम नहीं करती वो इंप्रोवाइज करती रहती है, वो चाहती है कि दुनिया के सारे सेक्स ट्रैफिकर्स चौपाटी पर मशीन गन से उड़ा दे। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप न होने का फायदा उठाया गया है।