नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने शुरू करेंगे जनजागरूकता अभियान : कलेक्टर

नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने शुरू करेंगे जनजागरूकता अभियान : कलेक्टर

इंदौर। इंदौर में नाइट कल्चर को लेकर जारी निगरानी के दस दिनों को लेकर अब कलेक्टर का मैदानी ऑब्जर्वेशन सामने आ रहा है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि शहर में नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जनजागरूकता, जानकारी संकलन और प्रभावी कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा।

कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में सोमवार को समय-सीमा (टीएल) बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी मिलकर अपने-अपने स्तर पर नशाखोरी से समाज को पूरी तरह मुक्त कराएं। स्कूल, कॉलेजों तथा आसपास विशेष ध्यान दें। बस्तियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने आबकारी विभाग के अमले और सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे पुलिस के साथ मिलकर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें। क्षेत्र का नियमित रूप से सघन भ्रमण कर निगरानी रखें। उन्होंने विद्यार्थियों को खेल गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश भी दिए, साथ ही उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर निगरानी व्यवस्था को और पुख्ता बनाया जाएगा।

स्कूलों को स्मार्ट बनाना लक्ष्य

इंदौर जिले में शासकीय स्कूलों की एक हजार कक्षाओं को स्मार्ट बनाने का अभियान प्रारंभ किया जाएगा। जनसहयोग से सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने का बढ़ा कार्य हाथ में लिया जा रहा है। प्रत्येक कक्षा को स्मार्ट बनाने के लिए लगभग तीन लाख रुपए खर्च होंगे। इस कार्य में दानदाताओं, शाला प्रबंधन समिति, आमजन और एनजीओ की मदद भी ली जाएगी।

31 अगस्त तक 29 संजीवनी का लक्ष्य

कलेक्टर ने 'पीपुल्स समाचार' को बताया कि प्रत्येक वार्ड में एक संजीवनी क्लिनिक का लक्ष्य है। लगभग 32 क्लिनिक भवनों का निर्माण कार्य जारी है। ज्यादातर 31 अगस्त तक पूरे हो जाएंगे। सोमवार को बैठक में उन्होंने इंदौर जिले में निर्माणाधीन संजीवनी क्लिनिक भवन की प्रगति की समीक्षा की है। निर्माण का कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में किए जाने के निर्देश दिए हैं।

सीएमएचओ पर नाराज हुए कलेक्टर

बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सीएमएचओ डॉ. भूरेलाल सैत्या को बैठक से बाहर कर दिया। इस दौरान विवाद की भी स्थिति बन गई। कलेक्टर ने संजीवनी क्लिनिक को लेकर उनसे जानकारी मांगी थी, जिस पर वह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की। इस पर सैत्या उनसे कह बैठे कि आपके निशाने पर तो हमेशा मैं ही रहता हूं और बार-बार आप मुझे ही बोलते हैं। इस बहस से कलेक्टर और नाराज हो गए और उन्हें बैठक से तत्काल वापस जाने के लिए कह दिया।