11 हजार श्रद्धालुओं ने पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना कर किया जलाभिषेक

11 हजार श्रद्धालुओं ने पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना कर किया जलाभिषेक

ग्वालियर। ओम शिवाय नम: के मंत्रोच्चार के साथ हर कोई भगवान शिव का जलाभिषेक कर बिल्वपत्र अर्पित कर शिवजी से सुखद जीवन की कामना की। भक्तिभाव से परिपूर्ण यह नजारा था फूलबाग मैदान का। जहां गुरुवाणी सेवा ट्रस्ट और लॉयंस क्लब ऑफ ग्वालियर की ओर से आयोजित की जा रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं नि:शुल्क स्वास्थ्य मेले में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महारुद्राभिषेक का आयोजन किया गया।

विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, कार्यक्रम संयोजक जय सिंह कुशवाह, डॉ. केशव पाण्डेय, अशोक पटसारिया, अजय चोपड़ा, अरविंद गोपेश्वर डंडौतिया, ऋतु सिंह सेंगर, सुनील शर्मा, राम पाण्डेय, राजीव डंडौतिया, श्रीबल्लभ डंडौतिया, ब्रजेश डंडौतिया, जितेंद डंडौतिया, बिजेन्द्र कुमार, नेतराम शर्मा, रामेश्वर भदौरिया एवं नारायण डंडौतिया सहित सैकड़ों ने लोगों ने अपने परिजनों के साथ शिवजी का महारुद्राभिषेक किया। कथा व्यास संत गोपाल दास महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। पूजन के बाद प्रसादी हुई।

सच्चा मित्र वही है जो अपने सखा को सही दिशा दें : गोपाल दास

जीवन में घटित होने वाली विषम परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म होता है। सच्चा मित्र वही है जो अपने सखा को सही दिशा प्रदान करे। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता इसका साक्षात प्रमाण है। संत गोपाल दास महाराज ने फूलबाग मैदान में आयोजित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र और सुखदेव विदाई का प्रसंग सुनाया। संतश्री ने कहा कि मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए। मित्र एक दूसरे का पूरक होता है। भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे, लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांगा। कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। भागवत कथा की संत कृपाल सिंह महाराज, सुनील शर्मा, किरण भदौरिया, महेश मुद्गल एवं अशोक पटसारिया ने आरती की।