सीबीआई की करप्शन की जांच वाले 7 हजार केस कोर्ट में पेंडिंग
नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए गए भ्रष्टाचार के कम से कम 6,841 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे, जिनमें से 313 मामले 20 साल से अधिक समय से लंबित थे। कुल मामलों में से 2,039 मामले 10 साल से अधिक, 2,324 पांच साल से अधिक, 842 तीन साल से अधिक, 1,323 तीन साल से कम समय से लंबित थे। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने विभिन्न अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित मामलों पर ध्यान दिया। यह देखा गया कि 31 दिसंबर, 2022 तक, 6,841 मामलों की सुनवाई लंबित थी, जिनमें से 313 मामले अधिक समय से लंबित थे। इनके अलावा, भ्रष्टाचार के मामलों में कुल 12,408 अपीलें और संशोधन उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित थे। सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2022 तक 692 मामले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच के लिए लंबित थे, जिनमें से 42 की जांच पांच साल से अधिक समय से चल रही थी। आमतौर पर, सीबीआई को मामला दर्ज होने के एक साल के भीतर जांच पूरी करनी होती है।
60 मामले 3 साल से लंबित
सीवीसी की रिपोर्ट के अनुसार कुल 60 मामले तीन साल से अधिक लेकिन पांच साल से कम, 79 मामले दो साल से अधिक लेकिन तीन साल से कम, 138 मामले एक साल से अधिक लेकिन दो साल से कम और 373 मामले जांच के लिए लंबित थे।
कुछ मामलों की जांच करने में देरी हुई
केंद्रीय सतर्क आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई के कुछ मामलों में जांच पूरी करने में देरी हुई है। देरी के कुछ कारणों में अत्यधिक काम के कारण जांच में देरी, जनशक्ति की अपर्याप्तता, लेटर्स रोगेटरी (एलआर) के जवाब प्राप्त करने में देरी और दूर के स्थानों में रहने वाले गवाहों का पता लगाने और उनकी जांच करने में लगने वाला समय शामिल हैं।
साल 2022 में सीबीआई की केस डायरी
- 2022 में कुल 946 केस दर्ज किए। इनमें से 829 रेगुलर केस थे और बाकी 117 प्राथमिक जांच से जुड़े हैं।
- 946 मामलों में से 107 अदालतों के आदेश से मिले और 30 मामले राज्य सरकारों ने हैंड ओवर किए थे।
- रिश्वतखोरी के 163 केस ट्रैप किए, जबकि आय से अधिक संपत्ति रखने के 46 मामले दर्ज किए गए।
सीबीआई में कुल पद- 7,295
भरे हुए पद- 5600
खाली पड़े पद- 1695
जांच में देरी के ये भी कारण
- बहुत ज्यादा काम का बोझ
- कर्मचारियों की कमी और दूर रहने वाले गवाहों का पता लगाने में देरी
ग्रुप-ए के अधिकारियों के 52 मामले लंबित
रिपोर्ट के अनुसार खुद सीबीआई के ग्रुप ए अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के 52 मामले लंबित थे। इनमें से 23 मामले 4 साल से अधिक समय से, 5 मामले 3 से 4 साल के बीच, 7 मामले दो से 3 साल के बीच, नौ मामले एक साल से दो साल के बीच और 8 मामले एक साल से कम समय से लंबित थे। संघीय एजेंसी के समूह बी और सी कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के 19 मामले लंबित थे।