मप्र में अब तक कुल 10.66 लाख प्रिकॉशन डोज लगीं, लेकिन इनमें पेड वैक्सीन सिर्फ 10 हजार ने ही लगवाई

मप्र में अब तक कुल 10.66 लाख प्रिकॉशन डोज लगीं, लेकिन इनमें पेड वैक्सीन सिर्फ 10 हजार ने ही लगवाई

भोपाल। कोविड 19 का संक्रमण कमजोर करने के लिए मोदी सरकार ने 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए 10 अप्रैल से बूस्टर डोज की शुरुआत की है, लेकिन 18 से 59 आयु वर्ग के लोगों की तीसरी डोज में दिलचस्पी नहीं दिख रही है। वजह, यह डोज नि:शुल्क नहीं है, बल्कि 400 रुपए तक खर्च कर लग रहा है। कोविन ऐप के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में 4 मई तक 10.66 लाख लोगों को प्रिकॉशन डोज लगी हैं, लेकिन इनमें से 99% से अधिक डोज हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को लगी हैं। मप्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक मई तक 18 से 59 उम्र के 10,377 लोगों ने ही टीके की पेड डोज लगवाई है।

सीधी बात

डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य टीकाकरण अधिकारी

18 से 59 वाले सिर्फ 10 हजार लोगों ने ही पेड बूस्टर डोज लगवाई, कमी की वजह क्या है?

???? मात्र 6 जिलों के 20 केंद्रों पर पेड डोज लगाई जा रही है। यह 386 रुपए में मिल रही है। यह जिले इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम और सिंगरौली हैं।

इस आयु वर्ग वालों के लिए बूस्टर डोज में तेजी लाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?

???? सोशल मीडिया पर प्रचार जारी है। हालांकि प्राइवेट प्रैक्टिशनर को नहीं जोड़ा गया है।

सिर्फ 6 जिलों में ही वैक्सीनेशन क्यों?

???? प्राइवेट अस्पताल इन्वेस्ट नहीं करना चाह रहे हैं। इसलिए यह ड्राइव अभी छह जिलों में चल रही है।

386 में 18 से 59 वालों को बूस्टर डोज प्रदेश में में बूस्टर डोज 380 से 400 रुपए में लग रही है। निजी मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा उपलब्ध है। बूस्टर डोज के लिए आॅन साइट रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, इसलिए स्लॉट की भी दिक्कत नहीं है। इसके बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं दिख रही।

बूस्टर के प्रति भरोसा जगाना है तो नेता- अभिनेताओं को फिर आगे आना होगा

पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले देश और प्रदेश की जनता के बीच टीका लगवाने का जो उत्साह था, वह बूस्टर डोज में नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 1 मार्च 2021 को वैक्सीन लगवाई और फोटो सोशल मीडिया पर आया तो उसके बाद नेताओं और आम जनता में टीका लगवाकर फोटो सोशल मीडिया में डालने की होड़ सी मच गई थी। मगर बूस्टर के लिए न तो नेताओं और न ही जनता में उत्साह है। दरअसल, हमारे देश की जनता अपने नेताओं से बहुत प्रभावित होती है और उनके द्वारा उठाए गए कदमों का अनुसरण भी करती है। लेकिन इस बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, किसी भी नेता का बूस्टर डोज लगवाते हुए फोटो कहीं नहीं दिखा। केंद्रीय और राज्यों के मंत्रियों का भी यही हाल है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन संभवत: एक मात्र सीएम हैं, जिन्होंने बूस्टर डोज लगवाया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी वैक्सीन की बूस्टर डोज ले चुके हैं। अभिनेताओं की बात करें तो सिर्फ धर्मेंद्र और शक्ति कपूर जैसे पुराने अभिनेताओं ने बूस्टर डोज लिया है, जबकि युवा वर्ग फिल्मी अभिनेताओं और अभिनेत्रियों से प्रेरित होता है। ऐसे में जनता में यदि बूस्टर के प्रति विश्वास जगाना है तो हमारे आदर्शों को एक बार फिर सामने आना होगा।