ब्यूटीशियंस, एकाउंटेंट्स को गर्भाशय कैंसर का जोखिम ज्यादा

मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी का रिसर्च : रसायनों के संपर्क में ज्यादा रहना बन रहा गंभीर बीमारियों का कारण

ब्यूटीशियंस, एकाउंटेंट्स को गर्भाशय कैंसर का जोखिम ज्यादा

लंदन। हेयरड्रेसर्स, ब्यूटीशियंस एवं एकाउंटेंट्स को गर्भाशय का कैंसर होने का जोखिम ज्यादा होता है। एक नए रिसर्च में यह संकेत मिला है कि कुछ निश्चित जॉब में दस या अधिक वर्षों तक काम करने वाले लोगों में इस तरह के रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सेल्स, रिटेल, वस्त्र एवं कंस्ट्रक्शन उद्योगों में काम करने वाले लोग भी आसानी से इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। ऑक्युपेशनल एंड एन्वॉयर्नमेंटल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित मॉन्ट्रियल विवि के रिसर्च में यह बताया गया है कि हेयरड्रेसर, बार्बर, ब्यूटीशियन या इससे संबंधित पेशों से जुड़े लोगों को गर्भाशय कैंसर होने का जोखिम तीन गुना ज्यादा होता है। कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को भी तीन गुना ज्यादा जोखिम होता है। वहीं एकाउंटेंसी के क्षेत्र में काम करने वालों को जोखिम दोगुना ज्यादा होता है। इसी प्रकार एम्ब्रॉयडरी सहित वस्त्र उद्योग में लंबे समय से काम कर रहे लोगों को यह रोग होने का जोखिम 85%ज्यादा होता है, जबकि सेल्स या रिटेल से जुड़े कर्मचारियों को यह जोखिम 45% एवं 59%ज्यादा होता है।

टेलकम पॉउडर से भी हो सकता है कैंसर

वैज्ञानिकों के अनुसार, इन कार्यक्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का टेलकम पॉउडर एवं ब्लीचेस में पाए जाने वाले कुछ खास केमिकल से संपर्क बहुत ज्यादा होता है, जिसके कारण वे कैंसर की बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इस अध्ययन के तहत मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 18 से 79 वर्ष आयु समूह की महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों व उनके रोजगार की हिस्ट्री पता की गई।

अमोनिया, हाइड्रोजन परॉक्साइड जैसे रसायन हो सकते हैं जिम्मेदार

हेयरड्रेसर्स, ब्यूटीशियन्स एवं इससे संबंधित काम करने वाले लोग अमोनिया, हाइड्रोजन परॉक्साइड, आर्गेनिक रंगों एवं पिगमेंट्स तथा ब्लीच सहित 13 केमिकल एजेंट्स के संपर्क में सर्वाधिक आते हैं।

यह क्लीनिकली प्रूफ है कि इन रसायनों से ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। टेलकम पॉउडर के ज्यादा उपयोग से भी ऐसे खतरे की आशंका है। पेस्टीसाइट से भी ओवेरियन व ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। - डॉ. प्रीति देवपुजारी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, भोपाल