घर में ही प्रैक्टिस कर थिएटर और संगीत कला को निखार रहे बच्चे

घर में ही प्रैक्टिस कर थिएटर और संगीत कला को निखार रहे बच्चे

शहर में कल्चरल ट्रेनिंग सेंटर्स इस समय लॉक हैं। इसलिए सिटी यंगस्टर्स घर में कैद रहते हुए अपनी संगीत या फिर थिएटर से जुड़ी विधा की प्रैक्टिस कर रहे हैं। कुछ बच्चे अपने सोलो एक्ट की प्रैक्टिस का वीडियो अपने गुरुजन को भेजते है । वहीं कुछ बच्चे घर पर ही रहकर सोलो प्रोडक्शन के साथ अपना खुद का लिखा नाटक तैयार कर रहे हैं। इन शहर के उभरते हुए कलाकारों ने बहुत कुछ खोया है। किसी बड़े प्लेटफार्म पर अपनी प्रस्तुति देने वाला था तो कोई बड़ी प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट करने वाला था। आईएम भोपाल ने इन सभी कलाकारों से बातचीत कर जाना कि रोजाना कितना समय अपनी स्किल्स को सुधारने में दे रहे हैं।

सोलो प्रोडक्शन 'विप्रिया' पर कर रही काम

मैं जब से लॉक डाउन हुआ है तभी से अपने आप को बिजी रख रही हूं। मैं थिएटर के साथ भरतनाट्यम भी करती हूं। मैं भरतनाट्यम में सभी विधाएं सीख चुकी हूं और अब वर्णम सीख रही हूं। साथ ही मैंने स्टोरी राइटिंग, पोएट्री और अपने सोलो प्रोडक्शन बेस्ड नाटक 'विप्रिया' की प्रिपरेशन कर रहीं हूं। यह नाटक बॉडी शेमिंग पर है जो अक्सर बच्चों से लेकर बड़े फेस करते हैं। जो जल्द ही प्रस्तुत करूंगी।

रोजाना सोलो एक्ट का वीडियो रिकॉर्ड करता हूं

लॉकडाउन की वजह से मेरी थिएटर की क्लासेस आनलाइन हो गई है। मैं रोजाना 2 घंटे आॅनलइन क्लास अटेंड करता हूं। मुझे रोजाना 2 मिनट का सोलो एक्ट का वीडियो बनाकर पोस्ट करना होता है। यह वीडियो किसी भी टॉपिक पर बनाए जा सकते हैं, जिसे मैं अपनी थिएटर क्लास में सबमिट करता हूं।

गिटार और माउथआर्गन बजाने की प्रैक्टिस

मेरे पास स्पेशल स्किल है मैं गिटार और माउथआर्गन एक साथ बजा सकता हूं। मैं लॉकडाउन की वजह से कहीं भी शो नहीं कर रहा हूं और आने वाले समय में भी आसार नहीं दिख रहे की कुछ होने वाला है। इसलिए मैंने घर से ही आनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर शो करता हूं। मैंने हाल ही में एक कॉलेज द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम में परफॉर्म किया था। साथ ही माउथ आर्गन बजाना उतना आसान नहीं होता उसकी ट्रेनिंग मैं आनलाइन ही जो मेरे गुरु है उनसे ले रहा हूं।

पिताजी से वायलिन पर सीख रहा राग

मेरे पिता महेश मालिक भी वायलिन वादक है। इस लॉकडाउन में मैं उनसे तरह-तरह के राग सीख रहा हूं। हालांकि 5 साल का था तभी से वायलिन बजा रहा हूं। मैंने लॉकडाउन में अपने आप को बिजी रखते हुए राग यमन सीखा। अभी आगे पिताजी मुझे राग भोपाली और राग भैरवी सीखाने वाले हैं। यह टाइम जो मिला है वह दुबारा नहीं मिलेगा इसका मैं भरपूर उपयोग अपनी स्किल्स को डेवेलप करने में कर रहा हूं।