हैदराबाद में सीवर के पानी में मिला कोरोना वायरस

हैदराबाद में सीवर के पानी में मिला कोरोना वायरस

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के सीवर के पानी में कोरोना वायरस के अंश मिले हैं। यह दावा हैदराबाद में मौजूद सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) की हालिया रिपोर्ट में किया गया है। हालांकि सीसीएमबी का ये भी कहना है कि वायरस के जो अंश पाए गए हैं वो संक्रामक नहीं हैं। भारत के अग्रणी बायोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट में से एक सीसीएमबी का कहना है कि इस मामले में किसी खास इलाके के सीवर के पानी के पूरी जांच करने पर संक्रमण के फैलने को लेकर सटीक जानकारी हासिल हो सकती है। सर्वे क्यों किया गया?: सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा कहते हैं, 'सेरोलॉजिकल टेस्ट, रैपिड एंटीजेन टेस्ट या फिर किसी और कोरोना टेस्ट से ही व्यक्ति के संक्रमित होने की जानकारी मिल सकती है, लेकिन इसके लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति का सैंपल लेना होता है। लेकिन सीवर के पानी से भी आप वायरस का पता कर सकते हैं, हम इसी की संभावना तलाश कर रहे थे।

कितना भरोसेमंद है तरीका

सीसीएमबी ने अपनी रिसर्च में पाया है कि जिस इलाके में सीवर के पानी का टेस्ट किया गया, वहां करीब छह लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं। ये आंकड़ा तेलंगाना सरकार के जारी किए आंकड़ों से मेल नहीं खाते, ऐसे में ये कितना सटीक है? राकेश मिश्रा कहते हैं, 'नहीं सरकार के जारी किए गए आंकड़े अलग नहीं हैं। आप देखिए, सरकार ने 24,000 टेस्ट किए, जिनमें से 1,700 लोगों के नतीजे पॉजिटिव आए हैं। जो टेस्ट किए गए हैं वो रैपिड एंटीजेन टेस्ट हैं, जो कम सेन्सिटिव माने जाते हैं। इसका मतलब ये है कि आरटी- पीसीआर टेस्ट का तरीका अपनाया जाता तो टेस्ट का नतीजा शायद 2,000 से 2,400 तक होता।'