LIC के IPO में पैसे लगा सकेंगे फॉरेन के इंवेस्टर्स

LIC के IPO में पैसे लगा सकेंगे फॉरेन के इंवेस्टर्स

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने एलआईसी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब ऑटोमैटिक रूट से एलआईसी में 20 प्रतिशत तक एफडीआई की इजाजत होगी। एफडीआई की मौजूदा पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है। एफडीआई की मंजूरी से फॉरेन फंड देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के आईपीओ में पैसे लगा सकेंगे। अभी एफडीआई की जो पॉलिसी है, उसके मुताबिक इंश्योरेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूस से 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की इजाजत है। लेकिन, यह रूल एनआईसी पर लागू नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि एलआईसी के लिए सरकार का अलग एक्ट है, जिसे एलआईसी एक्ट कहा जाता है। अब सरकार ने इसमें बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

पहले नहीं था एफडीआई का कोई प्रावधान: सेबी के नियमों के अनुसार, आईपीओ के तहत फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट (एफपीआई) और फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) की इजाजत है, लेकिन, चूंकि एलआईसी एक्ट में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए इसके आईपीओ में फॉरेन फंड्स इनवेस्ट नहीं कर पाते। कैबिनेट के एफडीआई पॉलिसी में बदलाव करने के बाद अब फॉरेन फंड एलआईसी के आईपीओ में पैसे लगा सकेंगे।

बैंकों में भी 20% एफडीआई की लिमिट: सरकारी बैंकों में एफडीआई की लिमिट 20 प्रतिशत है। इसलिए एलआईसी के लिए भी 20 प्रतिशत की लिमिट रखी गई है। सूत्रों ने बताया कि एफडीआई की इजाजत से एलआईसी के आईपीओ में फॉरेन इनवेस्टर्स अच्छी दिलचस्पी दिखा सकते हैं।

एफडीआई क्या है?

एफडीआई का मतलब होता है फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश। विदेश की कोई कंपनी यदि भारत की किसी कंपनी में सीधे पैसा लगा दे तो उसे एफडीआई कहेंगे। जैसे वॉलमार्ट ने पिछले साल में लपकार्ट में पैसा लगाया था। सरकार द्वारा हर सेक्टर में इसके अधिकतम निवेश की सीमा तय की है।

आगामी 10 मार्च तक आ सकता है एलआईसी का आईपीओ

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी सबसे बड़े आईपीओ की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इसका इश्यू 10 मार्च को खुल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में एलआईसी मर्चेंट बैंकर्स और अन्य संबंधित पक्षों से बात कर रही है। एलआईसी आईपीओ से 80 हजार से एक लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है।