वो पेड़ मिला जिसे अंग्रेजों ने उखाड़ने का दिया था आदेश

वो पेड़ मिला जिसे अंग्रेजों ने उखाड़ने का दिया था आदेश

भोपाल। कलियासोत चंदनपुरा इलाके में औषधीय गुण से भरपूर वह दुर्लभ पेड़ मिला है, जिसे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने उखाड़ फेंकने के आदेश दिए थे। दहिमन नाम का यह पेड़ कलियासोत चंदनपुरा स्थित नगर वन में बायोडायवर्सिटी सर्वे के दौरान मिला है। वन विभाग की तरफ से यह सर्वे तिनसा इकोलॉजिकल फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। सर्वे कर रहे रिसर्चर डीपी श्रीवास्तव का कहना है कि वर्ष 1857 के बाद अंग्रेजों ने सतपुड़ा की पहाड़ियों से उसे उखाड़ने के आदेश दिए थे। इस पेड़ के पत्ते का लेप गोंड व कोरकू आदिवासी लड़ाके युद्ध के दौरान लगे अपने घाव पर लगाते थे। लेप में खून का बहाव रोकने व घाव भरने के विशेष गुण हैं।

30 प्रजाति की तितलियां भी

सर्वे में तितलियों की 30 प्रजातियां मिल चुकी हैं। इसके अलावा ड्रेगन μलाई की 8, चीटियों की चार, कीट की 8 प्रजातियों के अलावा 4 तरह के बीटल्स मिल चुके हैं। कई तरह के स्तनधारी जीव भी यहां पाए जाते हैं।

एक ही जगह 3 तरह के वन

चंदनपुरा स्थित 50 हेक्टेयर के नगर वन में तीन तरह के जंगल मौजूद हैं। यहां मॉइस्ट डेसीडुअस फॉरेस्ट, ड्राय डेसीडुअस इसमें सभी पेड़ों के पत्ते एक साथ झड़ते हैं और तीसरा झाड़ीदार ड्राय स्क्रब फॉरेस्ट है।

सर्वे के जरिए जैव विविधता को बनाए रखने में मदद मिलेगी

डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि इस सर्वे के जरिए हम बेसलाइन डेटा तैयार कर रहे हैं। इससे हमें इस इलाके की जैव विविधता को बनाए रखने में मदद मिलेगी। जहां दहीमन का पेड़ है वहां हम दहीमन चौक बनाएंगे। कोशिश है कि हम कई सालों का डेटाबेस तैयार कर सकें।