विकास कार्यों को छोड़ पार्षदों द्वारा वार्डों में बनवाए जा रहे करोड़ों के गेट
ग्वालियर। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आर्थिक परेशानी के चलते निकायों में वेतन सहित अन्य भुगतान के मामले में रस्साकसी जारी है। ऐसे में ग्वालियर नगर निगम द्वारा वार्डों में करोड़ों रुपए की राशि विकास कार्यों पर नहीं, बल्कि कॉलोनियों व वार्डों में द्वार बनवाने में खर्च की जा रही है। गेट बनाने का काम केवल ग्वालियर व ग्वालियर पूर्व विधानसभा में हो रहा है।
नगर निगम द्वारा प्रतिवर्ष सड़क, भवन, शौचालयों सहित अन्य विकास व निर्माण कार्यों पर लगभग 150 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जाती है। जिसमें 66 वार्डों के प्रतिनिधि के रूप में पार्षदों को मौलिक निधि के रूप में हर वर्ष लगभग 40 से 45 लाख देने से निगम पर लगभग 30 करोड़ का भार आता है और इस राशि को पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में मनमर्जी के विकास कार्य करवाते हैं। ऐसे में ग्वालियर विधानसभा में लगभग 45 लाख से लगभग 8-9 गेट व ग्वालियर पूर्व विधानसभा में 40 लाख से लगभग 5-6 गेट इसके अलावा लगभग 10 लाख से ग्वालियर दक्षिण में केवल एक गेट बनाने की प्रोसेस जारी है। जानकारों का कहना है कि ये गेट केवल पार्षद अपनी वाहवाही व लोगों के बीच चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल करने के लिए बनवा रहे हैं।
विकास कार्यों की राशि को लेकर मारामारी, फिजूलखर्ची पर चुप्पी
मौलिक व निगम निधि से बनने वाले इन गेटों को लेकर कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि यह परंपरागत काम है, जो पहले से होते रहे हैं, इसलिए अभी भी जारी है। जबकि विकास के लिए निधि की कमी व अन्य कार्यों के लिए राशि न होने पर परिषद में हंगामा करने वाले पार्षदों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।