हाई स्कूल के विद्यार्थियों को अब नहीं मिलेगा बेस्ट फाइव का लाभ

हाई स्कूल के विद्यार्थियों को अब नहीं मिलेगा बेस्ट फाइव का लाभ

जबलपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10 वीं बोर्ड से बेस्ट ऑफ फाइव योजना अगले सत्र से समाप्त हो रही है। इसे लेकर बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी है। पिछले 6 सालों से 10 बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के लिए 5 विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य थी। वहीं गणित या विज्ञान में छात्रों को पासिंग मार्क देकर उत्तीर्ण कर दिया जाता था। गौरतलब है कि नौंवी कक्षा में इस योजना को इसी सत्र से समाप्त कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए कुछ नए बदलाव इस सत्र से और अगले सत्र से किए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए गए हैं कि 10 वीं में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को सत्र 2024-25 से समाप्त किया जाता है, जबकि नौवीं में इस सत्र से योजना समाप्त हो जाएगी। वहीं इस सत्र से गणित विषय में दो स्तर के विकल्प विद्यार्थियों के लिए होंगे। विद्यार्थी सामान्य गणित एवं उच्च गणित ले सकेंगे।

प्रमुख विषय में आ रही थी दिक्कत

मंडल ने विशेषज्ञों ने पिछले छह साल के 10वीं के परिणाम का आकलन कर इसे खत्म करने का निर्णय लिया है। इसमें पाया कि इस योजना के कारण 10 वीं के विद्यार्थी मुख्य विषय अंग्रेजी, गणित व विज्ञान में पीछे हो रहे थे। इसके अलावा इस सत्र से नौवीं व दसवीं में सतत व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया भी लागू किया जा रहा है। हर साल 10 वीं में करीब डेढ़ से दो लाख विद्यार्थी अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे मुख्य विषय में फेल हो रहे थे। इस वर्ष जबलपुर संभाग से हाई स्कूल में 1 लाख 53 हजार 427 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। फिलहाल इस नियम से इस सत्र में राहत मिली है।

इस वर्ष शिक्षा सत्र बमुश्किल 8 महीने का रहा है। वहीं चुनाव के कारण शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी। कोर्स पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में नए नियम बाध्यकारी हैं। खुशबू चक्रवर्ती

ये अच्छी बात है कि सामान्य और उच्च गणित का विकल्प रहेगा लेकिन सिलेबस पहले जारी करना चाहिए, ताकि छात्रों को विषय चयन को लेकर समस्या न हो। श्रेया चौधरी

पिछले 6 वर्षों से विद्यार्थियों को बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ दिया जा रहा था तो इसे नियमित रखा जाना चाहिए। अध्यापक भी इस विषय में जानकारी नहीं दे रहे। खुशी अहिरवार

पहली बार बोर्ड परीक्षा में शामिल छात्रों के लिए नए-नए नियम परेशानी बन सकते हैं। इस वर्ष वैसे भी अध्यापन कार्य साल भर प्रभावित रहा। फरवरी में एग्जाम हैं। राधिका केसरवानी