8 देशों में 21 घंटे ट्रेड कर पाएंगी भारतीय कंपनियां

केंद्र सरकार ने GIFT IFSC में सीधे लिस्ट होने की अनुमति दी

8 देशों में 21 घंटे ट्रेड कर पाएंगी भारतीय कंपनियां

नई दिल्ली। अब भारतीय कंपनियां फॉरेन करंसी एक्सचेंज और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (जीआईएफटी) इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में खुद को सीधे लिस्ट करवा सकेंगी। इससे घरेलू कंपनियां 8 देशों में 21 घंटे ट्रेड कर सकेंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने मुंबई में कॉर्पोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड (सीडीएमडीएफ) की लॉन्चिंग के मौके पर यह जानकारी दी। ग्लोबल कैपिटल तक सीधे पहुंच बनेगी : वित्त मंत्री ने कहा है कि इस फैसले से भारतीय कंपनियों का वैल्यूएशन और बेहतर होगा और ग्लोबल कैपिटल तक सीधे पहुंच भी बनेगी। उन्होंने कहा है कि जीआईएफटी आईएफएससी के लिए सरकार का नजरिया पारंपरिक फाइनेंस और वेंचर से काफी आगे है। विदेशी अधिकार क्षेत्र को भी जोड़ा जाएगा : वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस अप्रूवल लिस्ट में करीब 8 विदेशी अधिकार क्षेत्र को भी जोड़ा जाएगा। इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार शुरुआत में ब्रिटेन, कनाडा, स्विट्जरलैंड और अमेरिका सहित सात देशों में विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने पर विचार कर रही है। मई 2020 में कोविड रिलीफ के दौरान कंपनियों को डायरेक्ट लिस्टिंग के लिए अप्रूवल मिल गई थी, लेकिन इसके रूल्स (कानूनी प्रावधान) अभी आने बाकी हैं। इसके पहले सेबी ने डायरेक्ट लिस्टिंग को लागू करने को लेकर एक फ्रेमवर्क का सुझाव दे चुका है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सेबी के सुझाए फ्रेमवर्क को स्वीकार किया जा सकता है।

बड़ी कंपनियां जीआईएफटी आईएफएससी में लिस्टेड हैं

भारत की स्टॉक एक्सचेंजों बीएसई और एनएसई दोनों ही जीआईएफटी आईएफएससी से जुड़ीं है। साथ ही बड़ी भारतीय और विदेशी कंपनियां भी इसमें लिस्टेड हैं। लिस्टिंग की अनुमति मिलने के बाद और भी भारतीय कंपनियां यहां लिस्ट होंगी। बीते कुछ समय से इनमें खासा उछाल देखने को मिला है।

जीआईएफटी निμटी में लिस्ट होने होने के फायदे :

जीआईएफटी निμटी में लिस्ट होने पर जीआईएफटी निμटी 50,जीआईएफटी निμटी बैंक, जीआईएफटी निμटी फाइनेंशियल सर्विसेस और जीआईएफटी निμटी आईटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में 21 घंटों की एक्सेस मिलती है, जो एशिया, यूरोप, और यूएस के ट्रेडिंग के समय को कवर करता है। सरकार के इस कदम से म्यूचुअल फंड और कॉपोर्रेट मार्केट में इन्वेस्ट करने वालों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।