ऑफिसों में महिलाओं से ज्यादा पुरुष होते हैं उत्पीड़न के शिकार

ऑफिसों में महिलाओं से ज्यादा पुरुष होते हैं उत्पीड़न के शिकार

न्यूयॉर्क। दुनियाभर में वर्कप्लेस पर हिंसा व उत्पीड़न व्यापक स्तर पर मौजूद है। विशेष रूप से महिलाएं, युवा, प्रवासी तथा दिहाड़ी मजदूरों को इसका सामना करना पड़ता है। दुनिया में वर्कप्लेस पर हिंसा एवं उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर सर्वे की पहली कोशिश में यह पाया गया है। सर्वे में भारत समेत 121 देशों के करीब 75,000 कर्मचारी शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, लॉयड्स रजिस्टर फाउंडेशन और गैलप द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल किए इस सर्वे में करीब 22 प्रतिशत से अधिक लोगों ने बताया कि उन्होंने कम से कम किसी एक प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न का सामना किया है। इससे मालूम चलता है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में किस तरह से कर्मचारियों का शोषण किया जाता है।

मानसिक प्रताड़ना से कमाई का जरिया खो देते हैं कर्मचारी

तीनों संगठनों की इस 56 पन्नों रिपोर्ट के अनुसार, कार्यस्थल पर हिंसा और उत्पीड़न व्यापक तौर पर मौजूद है और यह काफी हानिकारक है। इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। लोग कमाई का जरिया खो देते हैं और उनका पेशेवर जीवन भी खतरे में आ जाता है। इससे कार्यस्थलों तथा समाज को भी आर्थिक नुकसान होता है।

महिलाएं यौन हिंसा की ज्यादा शिकार हुर्इं

करीब 6.3 प्रतिशत लोग यौन हिंसा और उत्पीड़न का शिकार हुए हैं, जिनमें 8.2 प्रतिशत महिलाएं और 5 प्रतिशत पुरुष हैं। सर्वे में पाया गया कि जिन लोगों ने अपने जीवन में कभी न कभी लिंग, शारीरिक अक्षमता, राष्ट्रीयता, जातीयता, रंग या धर्म के आधार पर भेदभाव का अनुभव किया, वे अन्य लोगों की तुलना में कार्यस्थल पर हिंसा या उत्पीड़न का शिकार भी अधिक हुए।

क्या कहता है सर्वे

????कार्यस्थल पर हिंसा या उत्पीड़न का सामना करने वालों में से एक तिहाई लोगों ने इसके कम से कम किसी एक प्रकार का सामना किया।

????6.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने कार्यस्थल पर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और यौन हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना किया।

????17.9 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपने काम के दौरान कभी न कभी इसका अनुभव किया।

????8.5 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने कार्यस्थल पर शारीरिक हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना किया। इस प्रकार का उत्पीड़न सहने में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक है।