चेताने के बाद भी नहीं मान रहे , पिकनिक स्पॉट पर सेल्फी न बन जाए जानलेवा

चेताने के बाद भी नहीं मान रहे , पिकनिक स्पॉट पर सेल्फी न बन जाए जानलेवा

जबलपुर। शहर के आसपास के नदी, झरनों और जलभराव के क्षेत्रों में शहर से जाने वाले युवाओं और परिवारों की संख्या में जोरदार इजाफा देखा जा रहा है। शहर, प्रदेश में हो चुकी कई जानलेवा घटनाओं के बावजूद ये सेल्फी लेने के शौक के चलते खतरा उठा रहे हैं। हैरानी की बात है कि गिने चुने इन पिकनिक स्पॉटों पर सुरक्षा के इंतजाम या रोकने वाला कोई नहीं है। कुछ दिनों पहले पीपुल्स समाचार ने इस आशय की खबर भी प्रकाशित की थी मगर न इससे प्रशासन चेतता दिख रहा है और न ही युवा।

शहर में 50 किमी की रेंज में करीब दर्जन भर ऐसे पिकनिक स्पॉट हैं जहां पर लोगों का प्राय: रोज ही तांता लगा हुआ है। अपने साधनों से पहुंचकर लोग सबसे पहले सेल्फी का शौक पूरा करने में जुट जाते हैं और इस हद तक खतरा उठा लेते हैं कि जरा सा पैर फिसलने से उनकी जान तक जा सकती है। पहले भी हादसे हो चुके हैं मगर इन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

युवा लेते हैं ज्यादा खतरा

इन पिकनिक स्पॉट्स पर सबसे ज्यादा खतरा युवा उठाते हैं। बारिश में चट्टानों में या रास्तों पर काई लगी होने के चलते फिसलन सबसे ज्यादा खतरा होता है, मगर सेल्फी का शौक युवाओं का यह खतरा भी उठाने से नहीं रोक पाता।

ये हैं जाने-माने पिकनिक

स्पॉट बरगी डेम, धुआंधार, न्यू भेड़ाघाट, निदान फाल, बगदरी फाल, पायली, गौ बच्छा घाट, भैंसाघाट, गौर भदभदा, खंदारी, जमतरा, परियट, लम्हेटा, गोपालपुर ऐसे पिकनिक स्पॉट हैं जहां प्रकृति और अथाह जलराशि का आकर्षण लोगों को यहां लेकर जाता है। इनमें से ज्यादातर में बारिश के समय आकर्षक नजारा देखने मिलता है। हैरत की बात है कि प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

ये हादसे हो चुके

पाटन के बगदरी फाल में कुछ साल पहले शहर के 3 युवाओं की दर्दनाक मौत हो चुकी है। न्यू भेड़ाघाट में बीते सालों में कई मौतें हो चुकी हैं। हाल ही में यहां पर 4 मछुआरे फंसे थे जिनके रेसक्यू के लिए सेना तक को आना पड़ा था। दरअसल ऊपर उल्लेखित सभी पिकनिक स्पॉट बेहद खतरनाक .हैं और बिना सेफ्टी यहां पर परिवार लेकर या अकेले-दुकेले जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

घटना के बाद ही सक्रियता

ऐसे पिकनिक स्पॉट पर अक्सर जब कोई दुखद घटना घटित होती है इसके बाद ही प्रशासन कुछ दिनों के लिए चेतता है और फिर सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। दरअसल इसमें ज्यादा जवाबदारी उन युवाओं और परिवारों की भी है जो जान का खतरा उठाकर ऐसी जगहों पर पहुंचते हैं और फिर सेल्फी या फोटोग्राफी में एंगिल सेट करने जोखिम उठाते हैं।

पिकनिक स्पॉट्स में स्थानीय थानों से स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया जाता है, जो कि यहां पहुंचने वाले लोगों को समझाइश देते हैं। यहां जाने वाले लोगों को जागरूकता का परिचय देना चाहिए। -टीके विद्यार्थी, एसपी, जबलपुर