नौकरी के लिए अब वन टाइम परीक्षा फीस, साल में सिर्फ 1 बार रजिस्ट्रेशन

नौकरी के लिए अब वन टाइम परीक्षा फीस, साल में सिर्फ 1 बार रजिस्ट्रेशन

भोपाल। चुनावी साल में महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना लाने के बाद सीएम शिवराज गुरुवार को युवाओं को साधते नजर आए। भोपाल के लाल परेड मैदान में मप्र युवा नीति- 2023 को लॉन्च करते हुए उन्होंने घोषणा की कि मप्र में शासकीय पदों पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले युवाओं के लिए वन टाइम परीक्षा शुल्क एवं रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू होगी। इसमें साल में मात्र एक बार प्रतिभागी को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। साथ ही यदि इंटरव्यू के लिए दिल्ली जाने पर मप्र भवन में नि:शुल्क ठहरने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा, युवा बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना शुरू की जाएगी। ऐसे युवा, जिन्होंने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है या फिर ग्रेजुएशन के बाद बेरोजगार हैं, उन्हें विभिन्न सेक्टरों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इस दौरान सरकार मासिक आठ हजार रुपए भी देगी।

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में अभी तक उन्हें लाभ दिया जा रहा था, जिनके परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए है। इसे बढ़ाकर आठ लाख रुपए किया गया है।

मुख्यमंत्री ने ये भी घोषणाएं कीं

चयनित युवाओं के लिए प्रदेश और संस्कृति को जानने युवा अनुभव यात्राओं का आयोजन होगा।

जर्मन-जापानी भाषा सीखने के लिए बेसिक एवं एडवांस कोर्स उपलब्ध करवाएंगे।

स्टार्टअप पॉलिसी से विवि स्तर पर विद्यार्थियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करने 100 करोड़ से स्टूडेंट इनोवेशन फंड बनेगा।

सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए अलग से मेरिट लिस्ट बनेगी। इसके लिए कॉलेजों में 5 प्रतिशत सीटें रिजर्व रहेंगी।

1 हजार जनजातीय युवा कलाकारों को 3 माह के लिए 10 हजार मानदेय पर फैलोशिप दी जाएगी।

जिला स्तर पर स्वामी विवेकानंद संसाधन केंद्र ख्ुालेंगे। इनमें कॅरियर गाइडेंस, काउंसिलिंग, मेंटरिंग, लाइब्रेरी आदि योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी।

राज्य युवा आयोग का पुनर्गठन पांच अप्रैल तक होगा।

हर साल खेलो एमपी यूथ गेम्स होगा। स्कूलों में खेल शिक्षा अनिवार्य होगी। हर गांव में खेल मैदान बनेगा।

अगले वित्तीय वर्ष से युवा बजट अलग से आएगा।

मप्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढाÞई हिंदी में होगी। मेडिकल कॉलेज में हिंदी के लिए अलग से सीट रिजर्व की जाएंगी।

राज्य में इनक्यूबेटर सीट को 10 गुना बढ़ाया जाएगा।