कोरोना काल से पहले निर्धारित ट्यूशन फीस ही लेंगे

कोरोना काल से पहले निर्धारित ट्यूशन फीस ही लेंगे

जबलपुर । हाईकोर्ट के चीफ  जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष एसोसिएशन ऑफ   प्राईवेट स्कूल तथा एसोसिएशन ऑफ  अनएडेड सीबीएसई स्कूल की ओर से हलफनामा पेश किया गया है। हलफनामा में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा पारित आदेश का परिपालन करते हुए कोरोना काल से पहले निर्धारित ट्यूशन फीस ही छात्र-छात्राओं से लेंगे। युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश को यथावत रखते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 23 सितम्बर को निर्धारित की है।  

गौरतलब है कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे तथा रजत भार्गव की तरफ  से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि कोरोना काल में स्कूल द्वारा स्मार्ट तथा ऑनलाईन क्लास का संचालन किया जा रहा है। ऑन  लाईन क्लास स्कूली बच्चों की आंखों के लिए खतरनाक है। आॅन लाईन क्लास में पढ़ने के लिए बच्चे मोबाइल का उपयोग करते हैं, जो लगभग 6 इंच का होता है। डब्ल्यूएचओ तथा नेत्र स्पेशलिस्टों का कहना है कि बच्चों की आंखों के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खतरनाक है। निजी स्कूलों द्वारा ऑन  लाइन तथा स्मार्ट क्लास के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे हैं। आदेश के परिपालन के संबंध में युगलपीठ ने हलफनामा पेश करने के आदेश जारी किए थे। सरकार की ओर से युगलपीठ को हलफनामे में बताया गया कि आदेश के परिपालन के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता तथा अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।