वरने चीन को ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास बंद करने का सुनाया फरमान

वरने चीन को ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास बंद करने का सुनाया फरमान

बीजिंग। विश्व की महाशक्ति अमेरिका और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन में अपने वाणिज्य दूतावास बंद करने का फरमान सुनाया है। यही नहीं, अमेरिका ने चीन पर उसके खिलाफ जासूसी के कार्योें को तेज करने का आरोप मढ़ा है। बुधवार की इस घोषणा पर चीन की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है, उसने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि व्यापार से लेकर कोरोनो वायरस महामारी, और दक्षिण चीन सागर में चीनी पोतों के जमावड़े जैसे मुद्दों को लेकर चीन और अमेरिका के संबधों में हाल के समय में तनाव बढ़ा है।

विएना संधि का दिया हवाला

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की कोपेनहेगन यात्रा के दौरान विदेश विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने संवाददाताओं से कहा, हमने अमेरिकी बौद्धिक संपदा और अमेरिकियों की निजी जानकारी की रक्षा के लिए ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास को बंद करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि विएना संधि के तहर स्टेट्स का यह कर्तव्य है कि वे दूसरे राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करें। इसलिए चीन के खिलाफ ये कदम उठाया गया है।

साफ नजर आई बौखलाहट

गौरतलब है कि अमेरिका से इस कदम पर चीन की बौखलाहट साफ नजर आ रही है। चीन ने इसे राजनीतिक रूप से भड़काऊ कदम बताते हुए कहा गया है कि इससे दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते खराब होंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन्बिन ने कहा कि उन्हें मंगलवार को जानकारी दी गई कि उन्हें वाणिज्य-दूतावास बंद करना होगा।

अमेरिका से फैसला वापस लेने के लिए कहा गया...

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन्बिन ने कहा, कि चीन अमेरिका से अपना गलत फैसला तुरंप वापस लेने का आग्रह करता है, वरना चीन इसके खिलाफ जरूरी और उचित कदम उठाएगा। प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका की ओर से एकतरफा राजनीतिक भड़काऊ कदम उठाया जा रहा है, जो गंभीर तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून और दोनों देशों के बीच में द्विपक्षीय कांसुलर समझौते का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि चीन अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना करता है। क्योंकि यह एक अनुचित कदम है, जिससे दोनों देशों के संबंध खराब होंगे। फिलहाल अमेरिका को ऐसे फैसलों से बचना चाहिए।