ई-व्हीकल्स को बढ़ावा देने पॉलिसी फ्रेमवर्क की तैयारी

ई-व्हीकल्स को बढ़ावा देने पॉलिसी फ्रेमवर्क की तैयारी

नई दिल्ली। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने हाल में अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद मस्क ने अगले साल भारत आने की बात कही थी। हाल के दिनों में टेस्ला के अधिकारियों और सरकार के बीच मुलाकातों का दौर बढ़ गया है। मीडिया खबरों की मानें तो सरकार एक व्यापक पॉलिसी फ्रेमवर्क बना रही है। इसका मकसद टेस्ला को प्रोत्साहन देना है, ताकि वह भारत को अपना मैन्युफैक्चरिंग हब बना सके।

सभी ई-व्हीकल्स कंपनियों पर लागू होगा

टेस्ला ने भारत को अपना मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की इच्छा जताई है और माना जा रहा है कि कंपनी इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में भारत के बारे में अपने प्लान का खुलासा कर सकती है।

भारतीय कंपनियों से जॉइंट वेंचर कर सकती है टेस्ला

टेस्ला ने ने भारत में पांच-छह बड़ी कंपनियों के साथ हाथ मिलाया है और भारतीय मार्केट से करीब 1.5 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स की खरीद की जा रही है। टेस्ला भारत में ऐसी कार बनाना चाहती है जिसकी कीमत 20 से 30 लाख रुपये होगी। माना जा रहा है कि टेस्ला भारत की कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर बनाने की संभावनाएं भी तलाश रही है।

आयात शुल्क में कटौती की मांग नहीं मानी

टेस्ला भारत में अपनी कारों को बेचने के लिए सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग की थी। अभी आयातित कारों पर इंजन आकार और लागत, बीमा और ढुलाई मूल्य के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत का कस्टम लगता है। टेस्ला चाहती थी कि इलेक्ट्रिक कारों पर इसे कम करके 40 फीसदी कर लिया जाए, लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना।