अनुबंध में नहीं है अलग से भुगतान, फिर भी चहेती फर्मो को दिए 6 करोड़, अब ईएनसी को लिखा पत्र

Amrit Yojana

अनुबंध में नहीं है अलग से भुगतान, फिर भी चहेती फर्मो को दिए 6 करोड़, अब ईएनसी को लिखा पत्र

ग्वालियर। अमृत योजना में मिट्टी डलवाकर करोड़ों का फर्जी भुगतान पकड़ में आने के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की अनदेखी भारी पड़ रही है। क्योंकि अब उन्हीं अधिकारियों ने ओपन एंड क्लोज डेम्बरिंग, सरप्लस मटेरियल फिकवाने व ख्रुदाई में पानी निकलने का दो चहेती फर्मो को लगभग 6 करोड़ का भुगतान करा दिया है। जबकि अनुबंध की शर्तों में तीनों कार्यों का भुगतान अलग से नहीं देना था। अब इस मामले में पेंच फसने पर निगमायुक्त संदीप माकिन ने ईएनसी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख अभियंता को भेजे पत्र में मैसर्स एनविराड प्रोजेक्ट प्रा. लि कानपुर के अनुबंध क्रमांक 970 दिनांक 28 सिंतबर 2017 व मैसर्स जयंती सुपर कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. मेहसाना गुजरात के अनुबंध क्रमांक 935 दिनांक 25 सिंतबर 2017 को किए भुगतान के संबंध में जानकारी दी गई है। इससे पहले करोड़ों के गड़बड़झाले वाले भुगतान को लेकर योजना में निगरानी करने वाले एजिस इंडिया के रेजीडेंट इंजीनियर सहित दोनों फर्मो के ठेकेदारों को अनुबंध की अनदेखी कर भुगतान लेने के मामले में नोटिस दिए जा चुके है। जिसमें ठेकेदारी फर्मो से अतिरिक्त भुगतान की राशि मय ब्याज के वापस मांगी ली गई है। लेकिन जानकारों की मानें तो दोनों फर्मो से मिलीभगत कर रहे सीवर योजना के अधिकारी पूरे मामले ढाल बन कर राशि वापस देने को टालने में लगे है।

आरएडी व एजिस इंडिया है निशाने पर 
अनुबंध की अनदेखी कर ओपन एंड क्लोज डेम्बरिंग, सरप्लस मटेरियल फिकवाने व ख्रुदाई में पानी निकलने का दो चहेती फर्मो को लगभग 6 करोड़ का भुगतान कराने के मामले में भुगतान बिल देने वाली एजिस इडिया व निगम आरएडी विभाग निशाने पर है। साथ ही पूरे मामले में लोकायुक्त शिकायत भी हो सकती है। 

विवाद पर ईएनसी को लिखा निगमायुक्त ने पत्र 
निगमायुक्त संदीप माकिन ने अनुबंध की अनदेखी के विवाद पर नगरीय प्रशासन विभाग के ईएनसी को पत्र लिखकर भुगतान के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है। क्योंकि अनुबंध की अनदेखी के बाद फाइलन पेंमेंट होने से पहले राशि की वसूली हो सके। जानकारों की मानें तो निवर्तमान ईएनसी ने ग्वालियर प्रवास के दौरान भुगतान को गलत बताया था। 
अवैध खनन पर लिखा कलेक्टर को पत्र 
नोटिस में अमृत ठेकेदार न बेडिंग मटेरियल (मुरम) का उत्पादन करता है न निर्माता है। ये मटेरियल कहां से आया उसका उल्लेख फाइल में नहीं है। क्योंकि ठेकेदार ने माइनिंग की रसीदें न होना बताया है। जिसके बाद अधिकारियों ने कलेक्टर व माइनिंग अधिकारी को अवैध खनन की जांच हेतु पत्र लिखा है। हालांकि इस बीच ठेकेदार ने मटेरियल का भुगतान ले लिया है। 
अमृत योजना के ठेकेदारों का अपने पास एडंवास राशि जमा है और अनुबंध अनुसार भुगतान के संबंध में विवाद आने पर ईएनसी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन चाहा गया है।