पुराने बस स्टैंड पर ट्विन टॉवर, अकेला प्रोजेक्ट पडेगा 50 पर भारी

पुराने बस स्टैंड पर ट्विन टॉवर, अकेला प्रोजेक्ट पडेगा 50 पर भारी

जबलपुर। वर्ष 2016 में स्मार्ट सिटी के गठन के बाद जिन प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी गई उनमें मुंबई की तर्ज पर तीन पत्ती बस स्टैंड में एक ट्विन टॉवर का प्रोजेक्ट था जिसमें 28-28 मंजिला दो जुड़वां बहुमंजिली भवन बनाए जाने का प्रस्ताव था। हालाकि यह पीपीपी प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया था जिसमें निवेशकों ने रुचि नहीं ली और यह कागजों तक ही सीमित रह गया।

फंड की कमी स्मार्ट सिटी को नहीं है और कई बड़े प्रोजेक्ट्स उसने अपनी तरफ से पूरे करने में सफलता भी हासिल कर ली है जो अंतिम चरण में हैं। इसमें राइट टाउन स्टेडियम में मिनी स्पोर्ट्स ऑडिटोरियम तथा घंटाघर का कन्वेंशन सेंटर शामिल है। यदि बस स्टैंड की बेशकीमती करीब12 एकड़ जमीन में स्मार्ट सिटी अपनी तरफ से बहुमंजिला ट्वि टॉवर का प्राजेक्ट लाती तो इसमें कई ऑफिसेस,बिजनेस हेडक्वॉर्टर, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एक ही जगह अच्छे स्पेस में बन सकते थे। जो कि नगर निगम के लिए स्थाई आय का साधन के साथ शहर को महानगरीय लुक देने में सफल रहते।

सेंटर प्वाइंट होने से हर कोई चाहता जगह

तीन पत्ती बस स्टैंड खाली होने के बाद किसी तरह के उपयोग में नही है। यह शहर का सेंटर प्वाइंट भी है जहां दुकान, ऑफिस, कॉम्प्लेक्स या मॉल चलाने के लिए पर्याप्त लोग इन्टेस्ट दिखा सकते थे।

ननि को होती स्थाई आय

यहां किराए से दी जाने वाली दुकानें या अन्य जगह से नगर निगम को इतनी स्थाई आय हो सकती थी कि उसे केवल टैक्स वसूली पर निर्भर नहीं होना पड़ता। यह स्थाई आय का जरिया भी बन सकते हैं। शुरूआती लागत के अलावा इसमें कोई इन्वेस्टमेंट भी नहीं है।

चाहने पर हो सकती थी फंड की व्यवस्था

भले ही ये ट्विन टॉवर 28-28 मंजिला न होते 10 या 12 मंजिला होते जिनके लिए लीज पर जगह ऑफिस आदि दिए जाने पर उसे इन्हें बनाने के पहले ही लागत राशि निकाली जा सकती थी। इसमें यदि कोई राशि कम भी पड़ती तो खासी रकम बचाए रखे स्मार्ट सिटी प्रबंधन लगा सकता था।

स्मार्ट सिटी के शुरूआती प्रोजेक्ट में ट्विन टॉवर का प्रोजेक्ट था मगर निवेशकों ने इसमें उत्साह नहीं दिखाया यह बड़ी लागत का प्रोजेक्ट है। भविष्य में यदि संभावनाएं बनती हैं तो इस पर विचार किया जा सकता है। -स्वप्निल वानखेड़े,आयुक्त,ननि,सह कार्यपालिक निदेशक स्मार्ट सिटी