टेक्नोलॉजी के गुलाम न बनें, बल्कि गुलाम बनाएं तो फायदे ही फायदे: पीएम

टेक्नोलॉजी के गुलाम न बनें, बल्कि गुलाम बनाएं तो फायदे ही फायदे: पीएम

भोपाल। टेक्नोलॉजी का सही उपयोग हो तो यह बहुत फायदेमंद है। टेक्नोलॉजी के गुलाम बनने के बजाय टेक्नोलॉजी को गुलाम बनाएं। यह मूलमंत्र सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चोें को दिया। बच्चों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्क्रीन टाइम नींद के समय को खा जाता है। संतुलित जीवनशैली बनाए रखने के लिए हर चीज की अधिकता से बचना चाहिए। इस कार्यक्रम में मप्र से दो बच्चे शामिल हुए। दोनों बच्चे वंशिका माहेश्वरी और तीर्थ सोनी भोपाल के एक्सीलेंस स्कूल के कक्षा 11वीं के विद्यार्थी हैं। ये शिक्षिका योगिता नायक के साथ दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल हुए। हालांकि दोनों विद्यार्थियों के प्रश्न अन्य छात्रों के समान होने के कारण उन्हें मर्ज कर दिया गया। इसलिए इन छात्रों से सीधे सवाल-जवाब नहीं हुआ।

भोपाल के 2 बच्चे भी कार्यक्रम में शामिल हुए

वंशिका: कोई बड़ी परीक्षा देनी है, तो उसे कैसे फेस करें, टेक्नोलॉजी की क्या भूमिका होनी चाहिए। पीएम: आज टेक्नोलॉजी का युग है। किसी भी परीक्षा में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। लेकिन देखा यह जा रहा है कि हम टेक्नोलॉजी के गुलाम बनते जा रहे हैं। यदि हम टेक्नोलॉजी का अपना गुलाम बना लें, तो इसके फायदे ही फायदे हैं।

तीर्थ सोनी: घर की खराब आर्थिक स्थिति पढ़ाई पर असर डालती है। आप ऐसी स्थिति से गुजर चुके हैं। ऐसे में छात्र दोनों को कैसे फेस करें। पीएम: यह बात सही है, आर्थिक स्थिति का असर पढ़ाई पर पड़ता है। पहले तो शासन की इतनी योजनाएं नहीं थीं। ऐसे में मन को ढालना पड़ता है। अपने आप को गरीबी के बीच पढ़ाई के लिए तैयार करना पड़ता है।

एक्सीलेंस और पीएमश्री विद्यालय में लाइव टेलिकास्ट

राजधानी के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल और पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के सातवें संस्करण का सीधा प्रसारण दिखाया गया। इसमें प्राचार्य सुधाकर पाराशर के अलावा विद्यार्थी, पैरेंट्स और शिक्षक शामिल हुए। यह कार्यक्रम बच्चों के तनाव को कम करने के साथ परीक्षा में आत्मविश्वास बढ़ाने और परीक्षा को एक त्योहार की तरह लेने के लिए आयोजित किया गया।