AI से 2035 तक 1.3 प्रतिशत बढ़ सकती है भारत की सालाना विकास दर

AI से 2035 तक 1.3 प्रतिशत बढ़ सकती है भारत की सालाना विकास दर

नई दिल्ली । नीति आयोग के एक ड्राफ्ट डिस्कशन पेपर के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से भारत की सालाना विकास दर वर्ष 2035 तक 1.3 प्रतिशत बढ़ सकती है। इसमें सभी के लिए एआइ को बढ़ावा देने पर जोर के साथ विभिन्न सोशल सेक्टर्स में एआइ को अपनाने पर बल दिया गया है। 


आप भी दे सकते हैं सुझाव 

सभी के लिए जिम्मेदार एआइ (टूवार्डस रिस्पांसिबल एआइ फॉर ऑल ) शीर्षक के इस ड्राफ्ट पेपर को विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श के लिए तैयार किया गया है। यह विचार-विमर्श 21 जुलाई को आयोजित किया गया। इस डाक्यूमेंट पर सु­ााव देने के लिए अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी आमंत्रित किया गया है जो अपने सुझाव  10 अगस्त तक इ-मेल annaroy@nic.in दे सकते हैं। 

सरकारी व निजी क्षेत्रों में बढ़ेगा एआइ का उपयोग

भारत सरकार इस बात को लेकर बहुत आशावान है कि एआइ से देश के संपूर्ण विकास में बहुत मदद मिलने वाली है तथा सरकार जिम्मेदार एआइ के क्षेत्र में कुछ विशेष रिसर्च प्रोजेक्टस को आर्थिक मदद भी दे सकती है। ड्राफ्ट पेपर में यह बताया गया है कि देश में सभी सरकारी व निजी क्षेत्रों तथा स्टार्टअप एवं शिक्षा तथा शोध  के क्षेत्र में एआइ को बड़े पैमाने पर अपनाया जाएगा। 

यह हैं चिंता के विषय

ड्राफ्ट पेपर में एआइ के उपयोग से जुड़े विभिन्न नैतिक मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया है। विशेषकर संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए बताया गया है कि किस तरह कुछ विशेष समूहों के लिए  यह अन्यायपूर्ण रहा है।
-फॉर्च्यून में अक्टूबर 2018 में छपी खबर के अनुसार अमेजान को अपने एआइ रिक्रूटमेंट सिस्टम इसलिए हटाना पड़ा क्योंकि वह भर्ती में महिलाओं से भेदभाव कर रहा था।
- गार्जियन में सितंबर 2016 में प्रकाशित खबर के अनुसार दुनिया का पहला इंटरनेशनल ब्यूटी कांटेस्ट जिसमें विजेताआें का चयन एआइ के जरिए किया गया, इसलिए विवादों में घिर गया क्योंकि रोबोट डार्क स्किन को पसंद नहीं कर रहा था।


इन समस्याओं को भी दूर करना होगा

ड्राफ्ट पेपर में यह कहा गया है कि पूर्वाग्रहयुक्त एआइ की बड़े पैमाने पर तैनाती से अविश्वास की भावना तथा सामाजिक व्यवस्था में बाधा पैदा होगी।
एआइ के तेजी से बढ़ने पर बड़ी संख्या में रूटीन जॉब्स का आटोमेशन हो जाएगा। विशेषकर निर्माण उद्योग एवं आइटी सेवाओं पर इसका प्रभाव पड़ेगा।  ड्राफ्ट पेपर में एआइ के द्वारा लिए गए निर्णयों की जवाबदेही, निजता का जोखिम, सुरक्षा के खतरे पर भी प्रकाश डाला गया है। 

सुधार के लिए किए जा रहे हैं यह प्रयास

ड्राफ्ट पेपर में बताया गया है कि एआइ के उपयोग में जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए  यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में एथिक्स ऑफ एआइ को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा एआइ के लिए सेक्टर-स्पेसिफिक कानून बनाने का भी इरादा है।