स्कूल की छुट्टियां लगते ही समर क्लास में बढ़ा स्टूडेंट्स का रुझान

स्कूल की छुट्टियां लगते ही समर क्लास में बढ़ा स्टूडेंट्स का रुझान

गर्मी की छुट्टी सुनकर ही जायदातर बच्चों के मन में नाना-नानी और मामा के घर जाने का ख्याल आता है। वहीं कोरोनाकाल के चलते दो साल से समर कैंप के आयोजन भी नहीं हो सके। अप्रैल में कुछ स्कूलों की एग्जाम खत्म होते ही अब बच्चे समर कैंप में शामिल होकर अपनी समर वेकेशन इंजॉय करने लगे हैं। कोई डांस सीख रहा है तो कोई पेंटिंग तो कोई अपने दोस्तों के साथ थिएटर क्लास ज्वाइन कर रंगमंच की बारीकियां सीखने की ओर बढ़ा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि समर क्लासेस से बच्चे नई-नई कलाओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। साथ ही इस मौके पर भीतर के टैलेंट को निखार सकते हैं और अपनी मर्जी की चीजों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। आईएम भोपाल ने भी ऐसे ही चार विधाओं पर एक्सपर्ट्स से जाना की इस साल गर्मी की छुट्टियों में बच्चे इस बार समर कैंप में नया क्या सीखेंगे।

प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराएंगे

एक तारीख से आफलाइन एडमिशन होने लगे हैं तो प्रतिदिन बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी तक करीब 50 बच्चे अलग- अलग बैच में आ रहे हैं। समर कैंप में कथक के साथ विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्य भी सिखाई जा रही है। वहीं 2 मई से भी कुछ बच्चे समर कैंप में ज्वाइन करने वाले हैं जो कथक और प्रदेश के बिभिन्न प्रांतों के नृत्य सीखेंगे। साथ ही उन्हें अन्य शास्त्रीय नृत्यों की बेसिक नॉलेज दी जाएगी। क्लास में भाव-भंगिमाओं के साथ फूट स्टेप्स पर वर्क करना सीखाया जाएगा। -संघमित्रा तायवड़े, कथक नृत्यांगना

म्यूजिक के साथ टेक्निकल नॉलेज भी

मेरी एकेडमी में अलग-अलग कंट्री से बच्चे आनलाइन जुड़कर संगीत सीख रहे हैं। मैंने और मेरी पत्नी वीनस ने इसे आनलाइन क्लास के रूप में चार साल पहले शुरू किया था। हम लोग इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीखाते हैं। जो बच्चों आसान तरीके से समझाया जाता है, ताकि वे भी क्लासिकल म्यूजिक को बारीकी से समझ सके। इसके अलावा स्टूडियो के टेक्निक को भी सीखाते है ताकि टेक्नीकल नॉलेज भी उनमें बढ़ेगा।

सजावट के लिए आइटम्स तैयार करना सिखाऊंगी

इस बार आनलाइन के साथ आफलाइन क्लासेस को लेकर भी बच्चे काफी एक्साइटेड हैं। समर क्लासेस में आठ से पंद्रह साल तक के बच्चे शामिल हो रहे हैं। उन्हें म्यूरल, स्केचिंग, क्राट, पेटिंग के साथ घर की सजावट के लिए आइटम्स तैयार करना सिखाऊंगी। चूंकि यह क्लास दो महीने की होती है, इसलिए बच्चों को नियमित रूप से दो घंटे तक स्टूडेंट्स को अवगत कराउंगी।

एक्टिंग की बारीकियां सिखाएंगे

हर साल की तरह समर क्लासेस का बच्चों का इंतजार रहता है। करीब दो साल से आनलाइन क्लास तो ले ही रहे थे। अब इस साल से आफलाइन चिल्ड्रन थिएटर क्लासेस शुरू की है। अभी करीब 35 बच्चे आ रहे हैं। इन्हें इम्प्रोवाइजेशन, स्पीच, ब्लॉकिंग के साथ बॉडी मूवमेंट की प्रैक्टिस कराई जा रही है। अगले एक माह तक बच्चों को इन्हीं पर काम कराया जाएगा, इसके बाद प्रोडक्शन पर काम करेंगे। जब बच्चे थिएटर की प्रैक्टिस करते हैं तो उनके अंदर का डर दूर हो जाता है। बच्चों को थिएटर की बारिकियों से रूबरू कराना मकसद है। - केजी त्रिवेदी, वरिष्ठ रंग निदेशक