लंबे संघर्ष और बुलंद हौसले के बाद आशा-ऊषा बहनों को मिली कामयाबी

लंबे संघर्ष और बुलंद हौसले के बाद आशा-ऊषा बहनों को मिली कामयाबी

जबलपुर। जिले में आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के चेहरों पर मुस्कान गवाह बनी है, उनकी कामयाबी की। दरअसल, वर्ष 2014 से अपनी प्रमुख मांगों को लेकर प्रदेश के साथ ही जिले की आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर संघर्ष किया था। गत दिवस भोपाल में आशा- ऊषा कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मुरादें पूरी कर दीं। खास बात ये है कि मानदेय, सेवानिवृत्ति की घोषणा से आशा कार्यकर्ता हर्षित हैं।

उल्लेखनीय है कि आशा कार्यकर्ताओं ने 8 प्रमुख मांगों को लेकर वर्ष 2014 से शुरूआत की थी। पिछले 2-3 वर्षों के दौरान अधिकारियों ने धरना- प्रदर्शन रोकने इतना दबाव बनाया कि कार्यकर्ताओं की नौकरी तक पर बन आई थी। इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और भोपाल में सम्मेलन के दौरान उन्हें कई सौगातें मिल गर्इं हैं।

सेवानिवृत्ति की आयु अब 62 साल

आशा-उषा को आकस्मिक अवकाश की सुविधा की सौगात मिली है। इसके अलावा लाड़ली बहना योजना में भी शामिल किया जाएगा। आशा बहनों और पर्यवेक्षकों की सेवानिवृत्ति 60 साल से बढ़ाकर 62 साल में करने का ऐलान भी हुआ है। हालांकि आशा कार्यकर्ताओं को अब मानदेय वृद्धि के साथ लिखित आदेश का इंतजार है।

मंच से ये हुईं घोषणाएं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आशा- उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 6 हजार रुपए कर दिया। वहीं 5 लाख रुपए का हेल्थ इश्योरेंस भी दिया जाएगा। इसके साथ ही मानदेय में हर साल 1 हजार रुपए बढ़ाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर मंच से कहा एसीएस यहां बैठे हैं। मैं इनको निर्देश देता हूं कि इंटेंसिव की प्रक्रिया को सरल किया जाए। इसे जिला स्तर पर नहीं बल्कि ब्लॉक स्तर पर ही किया जाए। जितनी मेहनत ये बहनें करती हैं, उसका पारिश्रमिक तो ढंग से मिले। रिटायरमेंट के बाद एक लाख रुपए दिए जाएं ताकि ये अपने भविष्य के लिए परेशान न हों।

मैंने वर्ष 2014 में महज 300 रुपए से आशा कार्यकर्ता की शुरूआत की थी। आशा बहनों को न्याय दिलाने संघर्ष किया और सच्चाई की जीत हुई। शिवराज सरकार ने सराहनीय घोषणा की है। -पूजा कनौजिया,जिला महासचिव

मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा कि मानदेय बढ़ेगा। लेकिन हाल ही में भोपाल में यह सौगात मिलने से मेरा पूरा परिवार उत्साहित है। अब लिखित आदेश का इंतजार है, ताकि इस पर अमल हो सके। -प्रीति विश्वकर्मा,आशा कार्यकर्ता

5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस, आकस्मिक अवकाश के अलावा सेवानिवृत्ति आयु बढ़ने से आशा कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ा है। इसे आशा बहनों के संगठन की कामयाबी माना जायेगा। -पूनम सिंह राजपूत,आशा कार्यकर्ता

मुझे लंबा समय तो नहीं हुआ, लेकिन मानदेय बढ़ना बड़ी उपलब्धि है। अब अन्य राज्यों की भांति लाभ दिलाने का प्रस्ताव तैयार करेंगे। सम्मेलन में पूरे 52 जिले की कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। -रजनी कनोजिया,आशा कार्यकर्ता