संपत्तिकर व जलकर के बड़े बकायादारों में कलेक्ट्रेट सेंट्रल जेल, 1000 बिस्तर सहित अन्य की भरमार

संपत्तिकर व जलकर के बड़े बकायादारों में कलेक्ट्रेट सेंट्रल जेल, 1000 बिस्तर सहित अन्य की भरमार

ग्वालियर। निगम को विकास कार्य व कर्मचारियों को वेतन देने के लिए आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में पटरी से उतरी व्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए संपत्तिकर व जलकर सूची में करोड़ों रुपए वाले बकायादारों पर शिकंजा कसा जा सकता है। क्योंकि बड़े बकायादारों में कलेक्ट्रेट, केआरजी कॉलेज, सेंट्रल जेल, 1000 बिस्तर का अस्पताल जैसे सरकारी विभागों की भरमार है।

नगर निगम ने बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में पहली बार 81.26 करोड़ रुपए की रिकार्ड संपत्तिकर की वसूली का नया कीर्तिमान बनाया था, हालांकि इसमें गार्बेज शुल्क के 9.53 करोड़ शामिल थे। जबकि निगमायुक्त किशोर कान्याल ने इस वसूली के लिए टारगेट को संशोधित कर 120 करोड़ कर दिया था और वसूली अमला रियायत मिलने पर भी 38.74 करोड़ की वसूली न कर पाने से पिछड़ गया था।

अहम बात यह है कि निगम ने अपने वसूली टारगेट को ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने के चलते 1.08 लाख संपत्तियों से आखिरी दिन सबसे ज्यादा 9.89 करोड़ की वसूली करने का रिकार्ड बनाया था और वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम संपत्तिकर अमले द्वारा टारगेट का पीछा करते हुए 97.5 करोड़ की राशि ही वसूल कर पाई थी, जबकि 100 करोड़ के लक्ष्य पूर्ति के लिए वित्तीय वर्ष निकलने के बाद शासन स्तर से चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले दो दिन पुराने वित्तीय वर्ष में जोड़े गए थे। लेकिन फिर भी टारगेट की पूर्ति नहीं हो पाई थी।

करोड़ों के बकायादारों पर कसेगा शिकंजा

निगम द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में संपत्तिकर टारगेट 200 करोड़ मानकर काम शुरू कर दिया गया है, जिसके चलते निगम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पुन: बड़े बकायादारों पर फोकस करने की प्लानिंग पर अंदरूनी रूप से तैयारी शुरू हो गई है। जिसके चलते तय माना जा रहा है कि अगस्त के आखिरी से संपत्तिकर व जलकर वसूली पर निगम अधिकारियों का पूरा फोकस होगा।